हजारीबाग : भारतीय नागरिक अधिकार रक्षा मंच ने सूचना आयुक्त के रिक्त पद के खिलाफ शिनवार को अनोखे ढंग से धरना-प्रदर्शन किया. आमतौर पर धरना प्रदर्शन में तख्ता और बैनर लेकर विरोध दर्ज किया जाता है, लेकिन भारतीय नागरिक अधिकार रक्षा मंच ने झारखंड में सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का अनुपालन नहीं होने पर नुक्कड़ नाटक के जरिए विरोध दर्ज करते हुए धरना दिया. इसमें एक व्यक्ति को खून विटामिन चढ़ाते हुए दिखाया गया और बताया गया कि राज्य में सूचना अधिकार अधिनियम कोमा में चला गया है.
मंच ने सरकार से धरने के जरिए मुख्य सूचना आयुक्त एवं 10 सूचना आयुक्तों की बहाली की मांग की है. आरटीआई एक्टिविस्ट चित्तरंजन ने बताया कि पिछले चार वर्षों से मुख्य सूचना आयुक्त एवं 10 सूचना आयुक्त का पद राज्य में खाली पड़ा है. 21 हजार से अधिक आवेदन लंबित पड़ा हुआ है. 2005 सूचना का अधिकार आम जनता को एक बड़ी शक्ति प्रदान करता है. लेकिन राज्य सरकार के निरंकुश व्यवहार के कारण सूचना आयुक्त का पद खाली पड़ा है.
धरना के जरिए हजारीबाग नगर निगम के जरिए चुंगी टैक्स का भी विरोध किया गया. टैक्स वापस लेने की मांग की गई. धरना के जरिए बताया गया कि टैक्स से आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. चुंगी टैक्स के अलावा अब निगम लॉज मालिकों से प्रति बेड निर्णय लिया है जो सरासर गलत है.
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