हजारीबाग। हजारीबाग वन विभाग के अनुसार सूचना मिली थी यह हमारे रिकार्ड में है। परंतु हजारीबाग में प्रत्यक्ष रूप से बाघ चार दशक बाद देखा गया है। यह सुखद अहसास है और अब इसके हिसाब से हम योजना बना रहे है। इससे वन्य प्राणी आश्रयणी में कई बदलाव हो जाएंगे। डीएफओ अविनाश चौधरी ने बताया कि हजारीबाग में टाइगर ट्रैप भी राजा महाराजा के जमाने से था, आश्रयणी क्षेत्र बाघों का केंद्र था, इसकी पुष्टि हुई है।
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