रामानुजगंज, अनिल गुप्ता: मंगलवार की सुबह वन विभाग की टीम ने पिकअप से अवैध रूप से इमारती लकड़ी के परिवहन की सूचना पर वन विभाग के चोरपहरी नाका में तैनात थी. इस दौरान त्रिपाल से ढककर जब पिकअप आते देखा तो उसे रोकने के लिए नाका गिरा दिया गया परंतु पिकअप इतना तेज रफ्तार से था कि नाका तोड़ते हुए आरोपी भागने लगा वन विभाग की टीम पीछा करने लगी, उसके बाद रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 1 के पेट्रोल पंप के पास पिकअप छोड़कर ड्राइवर फरार हो गया. वन विभाग की टीम के द्वारा त्रिपाल खोला गया तो उसमें ठूंस ठूंसकर 6 गोवंश रखा गया था. जिसके बाद वन विभाग के द्वारा उसे रामानुजगंज थाने को सुपुर्द किया गया। पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही की गई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि राजपुर क्षेत्र से इमारती लकड़ी पिकअप वाहन से लोड कर रामानुजगंज की ओर लाया जा रहा है. जिसके बाद वन परीक्षेत्र अधिकारी संतोष पांडे के निर्देश पर वनपाल दयाशंकर सिंह, वनरक्षक राजनाथ सिंह, पिंटू मालाकार सहित वन अमला चोरपहरी नाका के पास पिकअप पकड़ने के लिए तैनात हो गया. मंगलवार की सुबह 5 बजे के करीब जब एक पिकअप वाहन को आता देखा तो उसे रोकने के लिए नाका को गिरा दिया गया. परंतु पिकअप वाहन इतना तेज था कि नाका को तोड़ते हुए भागने लगा जिसका पीछा वन विभाग के द्वारा किया गया. पिकअप रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 1 पेट्रोल पंप के समीप एक गली में घुसकर ड्राइवर गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया. वहीं वन विभाग की टीम जब त्रिपाल खोला तो उसमें गोवंश को ठूस ठूसकर रखा गया था. जिसके बाद वाहन को रामानुजगंज थाने को सुपुर्द कर दिया गया. थाना प्रभारी संतलाल आयाम ने बताया कि 4,6,16 कृषक पशु परीक्षण अधिनियम, पशु क्रूरता अधिनियम 1985 की धारा 11,घ, लोक संपत्ति क्षति अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला पंजीबद्ध कर कार्रवाई की जा रही है. गोवंश को देवगई गौशाला भेज दिया गया है.
गौ भक्तों ने जताई चिंता: गोवंश की तस्करी किए जाने की सूचना पर गौ भक्त एस.पी. निगम सहित अन्य गौ भक्त मौके पर पहुंचे उन्होंने जिस प्रकार से गोवंश को निर्दयता पूर्वक पिकअप वाहन में ठूस ठूस कर भरा गया था इसे देखकर चिंता व्यक्त की, वहीं तत्काल चारा, पानी की भी व्यवस्था की गई.
त्रिपाल से ढककर गोवंश की तस्करी, पैर व मुह था बंधा: अंतरराज्य नाका पार करके लगातार गोवंश की तस्करी हो रही है. परंतु इस पर रोक नहीं लग पा रहा है. मंगलवार को वन विभाग की टीम लकड़ी के चक्कर में गोवंश की तस्करी को पकड़ा. वहीं इसके पूर्व भी आरागाही के पास 407 के पलट जाने के बाद पांच भैंसों की मौके पर ही मौत हो गई थी. तब भी खुलासा हुआ था कि लगातार गोवंश की तस्करी हो रही है. गौ तस्करो के द्वारा तस्करी के दौरान गोवंश के मुंह एवं पैर को भी बांध दिया गया था.
सेटिंग से होता है काम: गोवंश की तस्करी लगातार गौ तस्करों के द्वारा की जा रही है. गौ तस्करों के द्वारा सेटिंग से अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है. गोवंश झारखंड के बूचड़खानो में कटने के लिए लगातार जा रहे हैं. जिसे रोके जाने की आवश्यकता है. गौ भक्तों ने भी गोवंश की तस्करी को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए इसे रोक जाने की मांग की है.