रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या करने के जुर्म में जेल में बंद राहुल राज को बेल देने से इनकार करते हुए उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने सोमवार को उसकी अपील याचिका खारिज कर दी है।
राहुल राज को रांची सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ उसने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। रांची सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 20 दिसंबर, 2019 को राहुल राज को दोषी करार देते हुए 21 दिसंबर उसे फांसी की सजा सुनाई थी।
उल्लेखनीय है कि छात्रा 15 दिसंबर 2016 को शाम छह बजे कॉलेज से घर लौटी थी। राहुल ने उसका दिनभर पीछा किया था। 16 दिसंबर की सुबह करीब चार बजे राहुल छात्रा के घर में घुसा। ग्रिल का ताला खोला। छात्रा ने अपने कमरे को अंदर से बंद नहीं किया था। राहुल अंदर गया और उसका गला दबाने लगा। फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। जब छात्रा अचेत हो गई तो आयरन के तार से गला घोंट दिया था। उसके कपड़े उतारे और बगल वाले कमरे में फेंक कर आग लगा दी थी।
हत्या करने के बाद बगल के कमरे से मोटर में डालने के लिए रखा मोबिल उसके शरीर पर डाल दिया और आग लगा दी। फिर दरवाजा सटाकर वहां से निकल गया था। पुलिस ने मामले में बूटी बस्ती में मोबाइल कॉल डंप के आधार पर राहुल का पता लगाया गया था। करीब 300 लोगों से पूछताछ की गई थी। इस दौरान पता चला कि राहुल नालंदा का रहने वाला था। उसपर पटना में भी नाबालिग से दुष्कर्म का केस दर्ज है। वह लखनऊ जेल में बंद था। इसके बाद राहुल के माता-पिता और पीड़िता के स्वाब और नाखून से मिले अंश का डीएनए टेस्ट कराया था। इसमें राहुल की मां का डीएनए मैच कर गया। इसी सबूत के आधार पर उसे फांसी की सजा हुई थी।
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