गांधीनगर। गीता जयंती के उपलक्ष्य में राज्य सरकार ने अहम फैसला लेते हुए राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में श्रीमद्भागवत गीता शामिल करने का निर्णय किया है। राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 में गीता पढ़ाई जाएगी।
गीता जयंती पर राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री कुबेरभाई डिंडोर और राज्य मंत्री प्रफुल्ल पानसेरिया ने इस संबंध में जानकारी दी। दोनों मंत्रियों ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता के सिद्धांत और मूल्यों को बालकों के जीवन में उतारने के लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय किया गया है। नए शैक्षणिक सत्र से सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाएगा। इसकी परीक्षा भी होगी।
भगवद गीता ऐसा ग्रंथ है जो सार्वभौमिक और शाश्वत है। जीवन के मूल्यों को पाठ पढ़ाने वाले इस धार्मिक ग्रंथ को पाठ्यक्रम में शामिल करने का मूल उद्देश्य बच्चों के जीवन में मूल्य और कर्म के सिद्धांत के प्रतिदृढ़ता लाना है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए गीता का यह पुस्तक वर्ष 2024 के नए शैक्षणिक सत्र में शुरू किया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने किया पुस्तक का विमोचन
राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से शुक्रवार को गीता जयंती के अवसर पर गीता के श्लोक, गुजराती अनुवाद, सचित्र पुस्तक का विमोचन किया गया। आगामी दिनों में बच्चों को गीता का भाग 1, 2 और 3 वितरण किया जाएगा।
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