गिरिडीह : मधुबन-पारसनाथ को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की दिशा में हाल में केंद्र व राज्य सरकार की ओर से की गई पहल के खिलाफ मंगलवार को मधुबन से पारसनाथ पर्वत तक आदिवासी-मूलवासियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। मरांग बुरु सांवता सुसार बैसी व आदिवासी- मूलवासी संघर्ष मोर्चा की अगुवाई में मरांग बुरु बचाओ जन आक्रोश रैली निकाली गई। सैकड़ों की संख्या में आदिवासी-मूलवासी प्रदर्शनकारी अपने साथ पीएम नरेंद्र मोदी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन व गिरिडीह के झामुमो विधायक सुदिव्य साेनू का पुतला भी लिए हुए थे। यह रैली सह शव यात्रा पर्वत के ऊपर दिशोम मांझी थान तक पहुंची।
नेताओं के पुतलों के साथ निकाली गई जनाक्रोश रैली
यहीं तीनों पुतलों का दहन किया गया। इसके पूर्व दिशोम मांझी थान में लोग माथा टेके। मुधबन में दोपहर साढ़े बारह बजे तक लगभग एक हजार से अधिक लोगों का कार्यक्रम स्थल बिरन गड्डा मैदान में जुटान हो चुका था। समय बीतने के साथ ही लोगों की भीड़ बढ़ती गई। घंटे भर में जनाक्रोश रैली पुतलों के साथ निकली। रैली वहां से निकलकर एक किलोमीटर दूर पर्वत पर दिशोम गुरु मांझी थान स्थल तक पहुंची।
शवयात्रा में पीएम, सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी
केंद्र, राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही। शव यात्रा में पीएम, सीएम व विधायक के खिलाफ नारे लगते रहे। शव यात्रा में दिशोम गुरु शिबू सोरेन व भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ भी नारे लगाए गए। साथ ही मरांग बुरु का अतिक्रमण बंद करो, आदिवासी मूल वासी एक हो समेत कई तरह के नारे लगाए गए।
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