हजारीबाग: झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ हजारीबाग के अध्यक्ष मो. अतिकुज्जमा ने ग्रेड-4 सहित विभिन्न ग्रेड में प्रोन्नति के लिए उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला स्थापना समिति को पत्र लिख उनका ध्यान आकृष्ट कराया है. इसमें कहा गया है कि झारखंड हाई कोर्ट और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के आदेश पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि सरकार के सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और निदेशालय प्राथमिक शिक्षा झारखंड सरकार के पत्रांक 936 (विधि) दिनांक- 14 /11/ 2022 के माध्यम से जिले के सभी उपायुक्तों को पूर्व में पत्र निर्गत करते हुए स्पष्ट रूप से इंगित किया गया है कि प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए जिला शिक्षा स्थापना समिति सक्षम प्राधिकार है. प्रति वर्ष प्राथमिक शिक्षकों की वरीयता सूची का प्रकाशन करते हुए वांछित अहर्ता पूरा करने वाले शिक्षकों को पद उपलब्धता की तिथि से वैचारिक सहित सभी प्रकार की प्रोन्नति नियमित रूप से दी जानी चाहिए.
उच्च न्यायालय झारखंड सरकार ने अपील संख्या 3846 /2022 की सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि आदेश पारित होने के आठ सप्ताह के अंदर अहर्ता वाले शिक्षकों को ग्रेड-7 में प्रोन्नति दी जाए. वर्षों से ग्रेड-4 के पद रिक्त रहे हैं. न्यायालय के आदेश के कारण ही 2017 में शिक्षकों को ग्रेड-4 मिल पाया. अगर पद उपलब्धता की तिथि से ग्रेड-4 नहीं दिए जाते हैं, तो प्रोन्नत शिक्षकों की वरीयता प्रभावित हो सकती है. ऐसा होता है, तो ग्रेड-4 में प्रोन्नत अधिकांश शिक्षक अपनी सेवा काल में कभी भी ग्रेड-7 के पद पर प्रोन्नत नहीं हो पाएंगे. यह प्राकृतिक न्याय का हनन है. उन्होंने सचिव के पत्रांक 936 दिनांक 14 /11/22 के आलोक में झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से यह मांग की है कि पद उपलब्धता की तिथि से ग्रेड-4 में प्रोन्नति दी जानी चाहिए. फिर पूर्व में स्वीकृत प्रधानाध्यापक के 124 रिक्त पदों पर ग्रेड-4 में प्रोन्नत शिक्षकों को वरीयता के आधार पर प्रोन्नति दी जानी चाहिए, ताकि उनकी वरीयता अक्षुण्ण रहे. जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा है कि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया, तो झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा.