गुमला। जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग नये जगह जाना खूब पसंद करते हैं। वहीं नये साल में निकट आते ही लोगों का विभिन्न पिकनिक स्पॉट पर भीड़ देखी जाती है। नये साल में अगर आप भी प्राकृतिक का आनंद लेना है तो दक्षिणी कोयल नदी के किनारे नागफेनी पर्यटन स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। आप भी यहां आयें और मनोरम छटा का लाभ उठाएं। रांची व गुमला के राष्ट्रीय उच्च मार्ग-43 से बहने वाली दक्षिणी कोयल नदी के किनारे नागफेनी पर्यटन स्थल है। यह पर्यटकों के दृष्टिकोण नववर्ष में घूमने का सुंदर जगह है।
नागफेनी नदी में कल कल कर बहती जलधारा है। नुकीले और ऊंचे पहाड़ है। अदभुत प्राकृतिक छटा है। नदी तट के किनारे भगवान जगन्नाथ प्रभु का मंदिर है जिसमे प्राचीन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा की मूर्ति है। नागवंशी राजाओं से जुड़ा इतिहास है। पग-पग पर प्राचीन अवशेष है। यह गुमला जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर है। अपने अंदर कई ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहर समेटे हुए है। यह गुमला जिला के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह गांव नागवंशी राजाओं का गढ़ था। जिनके भवनों के अवशेष आज भी देखने को मिलती है। गुमला शहर से नजदीक होने के कारण यहां नववर्ष में आराम से घूम सकते हैं।
नागफेनी पर्यटन स्थल में घूमने वाले जगह
नागफेनी में जगन्नाथ मंदिर, शिवलिंग पर लिपटे अष्टधातु निर्मित नाग, अष्टकमल दल, पाटराजा व नागसंत्थ देखने योग्य है। वहीं कोयल नदी की धारा पर खड़े हजारों चिकने पत्थर, अंबाघाघ जलप्रपात अपनी प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है। सात खाटी कुंआ, कुकुरकुंडी, मठ टोंगरी, पौराणिक मठ, पहाड़ी पर नागवंशी काल के भग्नावशेष अपने इतिहास की कहानी कह रहे हैं।
रांची से 80, सिसई से 10 व गुमला शहर से 16 किमी दूरी पर है पर्यटन स्थल