बलरामपुर। छत्तीसगढ़ की बलरामपुर पुलिस ने म्यूल अकाउंट गिरोह एवं साइबर अपराधियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है। इसमें मास्टर माइंड सहित आठ आरोपितों को मध्यप्रदेश के बैढन जिले से रेड कर गिरफ्तार किया है। आरोपितों द्वारा बलरामपुर जिले समेत आसपास के अन्य जिलों से कई ग्रामीणों एवं स्टूडेंट्स से बैंक अकाउंट खुलवाकर उन्हें देश के विभिन्न राज्यों के साइबर अपराधियों को उपलब्ध करवाया जाता था। इनके द्वारा वर्तमान में ऑनलाइन सट्टा एप काबूक का संचालन किया जा रहा था। जब्त सभी अकाउंट से डेढ़ महीने में आरोपितों ने चार करोड़ का ट्रांजेक्शन किया है। पुलिस ने आरोपितों से तीन लैपटॉप, 23 एंड्रॉयड फोन, 18 इनएक्टिव सिम कार्ड, 46 एटीएम कार्ड, 9 बैंक पासबुक, 4 चेकबुक एवं महिंद्रा थार जब्त की है। जिसकी कुल कीमत तीस लाख रुपये आंकी जा रही है।
एसपी वैभव बेंकर ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि रायपुर पुलिस मुख्यालय के द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में संचालित म्यूल अकाउंट धारकों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के लिए समस्त जिलों को आदेश दिया गया था। जिसकी विधिवत जांच उपरांत बलरामपुर क्षेत्रांतर्गत स्थित व्यापारिक बैंकों से जारी हुए म्यूल अकाउंट धारकों के विरुद्ध 17 अप्रैल को केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई थी। इसमें पुलिस ने कोतवाली थाना क्षेत्र के नंदन कुमार रजक (20 वर्ष) निवासी ग्राम बरदर और सामरी पाठ थाना निवासी शोएब खान (31 वर्ष) ग्राम अमटाही को गिरफ्तार कर 17 अप्रैल को जेल भेजा था।
एसपी ने बताया कि मामले की जांच के दौरान उक्त गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ एवं संकलित साक्ष्य के विश्लेषण पर क्षेत्र में म्यूल खाता खुलवाकर साइबर अपराधियों तक जानकारी उपलब्ध कराए जाने की जानकारी मिली। जिसके बाद पत्तसाजी के लिए बलरामपुर कोतवाली एवं साइबर सेल की एक विशेष टीम तैयार की गई। पुलिस को धीरे-धीरे सबूत मिलने लगे। इसमें अंबिकापुर से संचालित गिरोह की जानकारी पुलिस को मिली। गिरोह के मास्टरमाइंड सचिन कुमार सैनी उर्फ बिट्टू बिहारी के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेज स्टूडेंट्स एवं अन्य व्यक्तियों के द्वारा म्यूल अकाउंट खुलवाकर खाताधारकों को प्रति अकाउंट चार हजार से बारह हजार रुपये देकर खरीद लेता था। गिरोह के द्वारा सभी बैंक अकाउंट्स की इंटरनेट बैंकिंग और एसएमएस अलर्ट के लिए फर्जी मोबाइल नंबर को बैंक से लिंक करवाया जाता था। बैंक खाता की सभी जानकारी के साथ साथ एटीएम कार्ड और लिंक्ड मोबाइल नंबर को कुरियर के माध्यम से रायपुर भेजकर गिरोह के द्वारा मोटी कमाई की जाती थी। अब रायपुर में सक्रिय ब्रोकर्स के द्वारा उन सभी बैंक अकाउंट्स को देश के अलग अलग साइबर ठगों को बेच दिया जाता था। साइबर ठगों से प्राप्त रकम को कई अकाउंट्स के जरिए ट्रांजेक्शन किया जाता था। जांच में पकड़े गए गिरोह के द्वारा ऑनलाइन बैटिंग एप काबूक की आईडी बनाकर सट्टा भी खेलवाया जाता था।
एसपी ने बताया कि सभी आरोपितों को प्लानिंग कर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश के बैढन जिले के एक मकान से पकड़ा है। जिसमें मुख्य आरोपित सचिन कुमार उर्फ बिट्टू बिहारी अंबिकापुर निवासी, आयुष साहू जिला सूरजपुर निवासी, सुखदेव साहू जिला सूरजपुर निवासी, राजेश सोनकर मुंगेली निवासी, अभिषेक जायसवाल अंबिकापुर निवासी, दीपक यादव जशपुर निवासी, मुकेश जायसवाल कोरबा निवासी, प्रशांत सिंह अंबिकापुर निवासी को मंगलवार को गिरफ्तार कर आज बुधवार को जेल दाखिल कर दिया गया है।
पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से तीन लैपटॉप, 23 एंड्रॉयड सेट, 18 इनएक्टिव सिम कार्ड, 46 एटीएम कार्ड, 9 बैंक पासबुक, 4 चेकबुक, एक वाईफाई सेट एवं घटना में इस्तेमाल किए गए महिंद्रा थार वाहन क्रमांक सीजी 13 एटी 7722 को जब्त किया है। जिसकी कुल कीमत 30 लाख रुपए आंकी गई है। आरोपितों द्वारा डेढ़ महीने में खाते से करीब चार करोड़ रुपए की ट्रांजेक्शन की है। प्रकरण की विवेचना जारी है। आगे भी गिरोह से जुड़े अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
क्या है म्यूल अकाउंट
एसपी वैभव बेंकर ने बताया कि म्यूल अकाउंट वे बैंक अकाउंट्स होते हैं, जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधी ठगी के पैसों को ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। सामान्य भाषा में कहें तो साइबर अपराधी आम लोगों से ठगे हुए पैसों को अपने अकाउंट में ट्रांसफर नहीं करते हैं। वे इन पैसों को पहले किसी म्यूल अकाउंट में ट्रांसफर करेंगे। इसके बाद वे उस पैसों को अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर करते हैं। यह पूरी प्रक्रिया एक चेन की तरह काम करती है। जिससे ठगी के पैसों को ट्रैक कर पाना मुश्किल हो जाता है।
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