भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते तीन दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से ‘चैत्र‘ के महीने में भी ‘मानसून’ सा नजारा देखने मिल रहा है। राज्य के अनेक जिलों में तेज हवाओं के साथ रुक-रुक बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। बुधवार को भी सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं। हालांकि, बीच-बीच में सूरज तल्खी दिखाने का प्रयास करता नजर आ रहा है। मौसम विभाग ने बुधवार को भोपाल, जबलपुर, उज्जैन समेत 27 जिलों में बारिश हो सकती है। विभाग ने इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यहां 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चलने के साथ कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।
इससे पहले मंगलवार को राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में बारिश हुई और कई जगह ओले भी गिरे। मौसम विभग की मानें तो अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आने की इस वजह से प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्र के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। विभाग ने आगामी 15 अप्रैल तक ऐसा ही मौसम बना रहने की संभावना जताई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ प्रकाश ढवले ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास बना हुआ है। राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। मध्य महाराष्ट्र पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इसके अतिरिक्त दक्षिणी गुजरात से लेकर तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इन मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण पूर्वी एवं पश्चिमी मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश हो रही है। मौसम का इस तरह का मिजाज कुछ तीन दिन तक बना रह सकता है।
वहीं, वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से नमी मिलने के कारण रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। उधर, तापमान भी 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहने से दोपहर के बाद स्थानीय स्तर पर भी गरज-चमक की स्थिति बनने लगी है। 13 अप्रैल को भी एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इस वजह से अभी 15 अप्रैल तक मौसम साफ होने की उम्मीद कम है।
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