हजारीबाग : जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल…के जयकारे से गुरुवार को हजारीबाग का गुरुद्वारा निहाल हो उठा. यह मौका था सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव का. श्रद्धा, आस्था और भक्तिभाव से उनका 356वां जन्मोत्सव मनाया गया. इस मौके पर दीवान को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. सुबह 10 दिनों से चली आ रही प्रभातफेरी का समापन हुआ. गुरु सिंह सभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हजूरी रागी जत्था में शामिल मुख्य ग्रंथी भाई परमजीत सिंह ने शबद-कीर्तन से रंग जमाया.
श्रद्धालुओं ने दरबार में मत्था टेका. फिर लंगर में विभिन्न समुदाय के लोगों ने गुरु का प्रसाद ग्रहण किया. वहीं मुख्य अतिथि एसपी मनोज रतन चोथे को सरोपा भेंटकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में गुरुद्वारा के प्रधान सरदार अवतार सिंह, सचिव सरदार देवेन्दर सिंह बग्गा, उपाध्यक्ष प्रीतपाल सिंह कालरा, अरविंद सिंह होरा, मंजीत सिंह कालरा, सुरेश होर्रा, कुलतार सिंह, शनि अमन रोशन, सतनाम, उमंग, राजीव, रंजीत होरा, देवेन्दर सिंह माला आदि ने सहयोग किया.
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