रांची : पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के बयान के बाद माहौल गरमा गया है। जैन और आदिवासी सेंगेल समाज आमने-सामने हो गए है। सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि पारसनाथ आदिवासियों का मरांग बुरू है। यह उन्हें नहीं सौंपा गया, तो वे जैन मंदिरों को ध्वस्त कर देंगे। जैन समाज के लोग इस बयान से इतने नाराज हैं कि इस बयान के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की गयी है जैन समाज ने आज 5 प्रदेशों में सालखन मुर्मू के खिलाफ पुतला दहन के साथ सभी जगहों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का ऐलान किया है।
विवाद के बाद जैन और आदिवासी सेंगेल समाज आमने-सामने
पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने यह बयान 9 फरवरी को दिया था। विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने प्रेस वर्ता कर उनके इस बयान की आलोचना की थी, और झारखंड सरकार से कार्रवाई की माग की है। इस बयान को लेकर देश के कई राज्यों में जैन समाज विरोध प्रदर्शन कर रहा है। आदिवासी सेंगल अभियान के लोगों ने झारखंड समेत 5 राज्यों में रेल और चक्का जाम किया था। पारसनाथ पर अपने दावे को लेकर वह सरकार से मांग कर रहे हैं कि मरांग बुरू पर पहला अधिकार आदिवासियों का है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकार, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग बहुपक्षीय वार्तालाप शुरू करे।
राम मंदिर की तरह उग्र आंदोलन के लिए मजबूर ना करें
मरांग बुरु को आदिवासियों को अविलंब सुपुर्द करने की मांग संबंधी विस्तृत पत्र सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 14 जनवरी 2023 को प्रेषित कर दिया था। मरांग बुरू अर्थात पारसनाथ पहाड़ को अविलंब आदिवासियों को सुपुर्द किया जाए। हमें राम मंदिर आंदोलन की तरह उग्र एवं आक्रामक होने के लिए मजबूर न किया जाए। अब भी इस मांग को लेकर सालखन मुर्मू आंदोलन कर रहे हैं।
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