हजारीबाग : प्रारंभिक विद्यालयों की नई सूची में सरकारी शिक्षक नदारद हैं. इस विषय से संबंधित पत्र झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने डीएसई को लिखा है. संघ के जिला कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने लिखा है कि शिक्षकों की कमी से जूझ रहे जिले के दर्जनों प्रारंभिक विद्यालयों में जिन शिक्षकों को भेजने की सूची बनाई गई है, वह राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत तैयार की गई है. उसमें छात्र और शिक्षक अनुपात 30 और 35 अनुपात एक रखी गई है. लेकिन आरटीई के प्रावधान के अनुसार हर विद्यालय में एक सरकारी शिक्षक अनिवार्य है. लेकिन नई सूची में दर्जनों ऐसे स्कूल हैं, जिसमें एक भी सरकारी शिक्षक नहीं हैं. ऐसे में सरकारी शिक्षकविहीन स्कूल बनाने का प्रयास उचित नहीं है. पत्र की प्रतिलिपि शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव और निदेशक के साथ डीइओ को भी प्रेषित किया गया है.
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