रामानुजगंज, अनिल गुप्ता: बलरामपुर जिले के देवगाई में गाय कुपोषित हो रही है. पिछले दिनों इस मामले में हमारे प्रतिनिधि ने बेबाक शब्दों में यह मामला उठाते हुए गौशाला प्रबंधन एवं प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया था की गौ माता कुपोषित हो रही है. इसका जिम्मेदार कौन है. इस मामले में प्रशासन ने अलग ही रुख अख्तियार करते हुए जांच किया था. इसी मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जिला जनपद के सभापति राजेश यादव ने उसी गौशाला का निरीक्षण किया और कहां कि गौ माता की ऐसी दुर्दशा देखकर मेरे आंख से आंसू निकल आए, न वहां खाने की उचित व्यवस्था है और न ही पीने का पानी है. ऊपर से पूरा गौशाला गौ माता की गोबर और गोमूत्र से पूरी तरह से बदबू से भरा हुआ है और दलदल बना हुआ है.
आगे उन्होंने कहा कि उसी में गौ माता बैठती और सोती हैं. निश्चित है कि वहां गाय बीमार होंगी ही. ऐसे में जिसकी जिम्मेदारी बनती है वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है. आज वह कहते हैं कि 350 से 450 सौ गाय रखने की क्षमता है. उसके लिए शासकीय फंड पर्याप्त मात्रा में जारी होता है, ऊपर से गाय के गोबर की बिक्री होती है. आखिर इतना पैसा जाता कहां है. जो भी वहां तंदुरुस्त गाय हैं. वहां के स्टाफ अपने गाय को पशु आहार देते हैं और बाकी तो सभी गौमाता सूखे भूसे पर ही गुजारा करते हैं. सभापति राजेश यादव ने कहां कि मैं इस मामले में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करूंगा और यह मामला सदन में उठाऊंगा. सनातन धर्म के लिए गौ मां होती है और यहां लोगों ने अनर्थ करके रखा है. इस मामले में जो भी जिम्मेदार हो उसके ऊपर कार्रवाई तो होनी ही चाहिए.
आदर्श गांव समिति वास्तव में आदर्श
इस संबंध में नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने कहा कि आदर्श गांव समिति पूरे जिले के लिए आदर्श है. उस गौशाला में 200 गाय रखने की क्षमता है और 400 गए हैं. उस पर भी समिति के लोग उसे सामाजिक ढंग से या अपने पास से पैसा लगाकर गौ सेवा कर रहे हैं. ऐसे में उन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना गलत होगा. इस संबंध में आगे उन्होंने कहा कि कुछ समाजसेवी 6 माह से एक और गौशाला के लिए लगे हुए हैं. जिसमें सरकारी अनुमति नहीं मिली है. जैसे ही वह अनुमति मिल जाएगी सारी समस्याएं खत्म हो जाएगी. वैसे मैं एक बात जरूर कहूंगा कि गौशाला का संचालक आनंद चौबे अपनी पूर्ण निष्ठा, भाव से गौ माता की सेवा कर रहे हैं. मैं डंके की चोट पर आपको बता रहा हूं. उनकी सेवा में कोई कमी नहीं है. वह तन मन धन से गौ सेवा में लगे हुए. उनसे जब पूछा गया कि गौ माता के इस दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कौन है तो वे कुछ कहने से आनाकानी करने लगे.
आखिर कौन है जिम्मेदार
इस मामले में यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब संचालक आनंद चौबे समाज से सहायता प्राप्त करके शासकीय सहायता प्राप्त करके भी 200 गायों की जगह 400 गायों का भरण पोषण कर रहे हैं, तो फिर सवाल यह उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है. शासन या प्रशासन या जन के नेता या समाजसेवी या फिर गौ सेवक. प्रश्न तो बनता है क्योंकि भगवान को भी गौ माता हमेशा से प्यारी रही है और उनके साथ इस तरह की परेशानी और दुर्दशा के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है.
पार्टी एक राय अनेक
भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के बयान विरोधाभासी है, इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के जनपद जिला के सभापति राजेश यादव का कहना है कि उनको क्या पता की गौ माता के साथ कैसा पाप हो रहा है. अनर्थ हो रहा है. कभी जाकर वहां देखे हैं. जाकर देखिए, उसके बाद बात कीजिए.
नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष शैलेश गुप्ता गौ सेवकों के साथ खड़े नजर आए. वही सभापति राजेश यादव गौ माता की दुर्दशा को देखकर काफी चिंतित और गंभीर नजर आ रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैं इस मुद्दे को सदन में उठाऊंगा और जो भी इसके लिए जिम्मेदार हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग करूंगा.
जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा: कलेक्टर विजय दयाराम के
जब इस मामले को लेकर हमारे प्रतिनिधि ने जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के कलेक्टर विजय दयाराम के से बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले में वेटरनरी की टीम जांच करने गई है. जांच के बाद मामले की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा की मामला क्या है, तभी कुछ बता पाऊंगा.
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