बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में नशे के जाल में उलझते युवाओं पर अब विभाग की नजर और शिकंजा दोनों कस गए हैं। आबकारी विभाग की उड़नदस्ता टीम ने बुधवार को स्वीपर मोहल्ले में दबिश देकर नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले रमेश कुशवाहा को रंगेहाथ पकड़ लिया।
कार्रवाई के दौरान टीम को उसकी दुकान से 1575 अल्प्राजोलम टैबलेट, 8 रेक्सोजेसिक इंजेक्शन और 8 एविल इंजेक्शन मिले जो सभी नशे की श्रेणी में आती हैं। सहायक आबकारी अधिकारी रंजीत गुप्ता को गश्त के दौरान सूचना मिली थी कि आरोपी अपनी दुकान से नशीली दवाएं बेचता है। जानकारी की पुष्टि होते ही टीम ने बिना देर किए छापा मारा और आरोपी को दबोच लिया।

आबकारी विभाग ने रमेश कुशवाहा के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 (सी) के तहत मामला दर्ज किया है। आज बुधवार को उसे रामानुजगंज न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। रंजीत गुप्ता ने बताया कि, पिछले एक महीने में नशीले इंजेक्शन के ओवरडोज से दो युवाओं की मौत हो चुकी है। इसके बाद विभाग ने निगरानी और सघन कर दी थी। उन्होंने कहा, फेसबुक पर जारी नंबर पर कई जागरूक युवाओं ने गोपनीय जानकारी दी। उसी के आधार पर यह कार्रवाई सफल हुई। नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि, रामानुजगंज में आबकारी विभाग की यह कार्रवाई सिर्फ एक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि नशे के खिलाफ चल रहे युद्ध की एक निर्णायक जीत है। विभाग की सक्रियता और जनता की जागरूकता ने यह साबित कर दिया कि अगर समाज साथ खड़ा हो, तो नशे का कोई सौदागर ज्यादा दिन तक छिप नहीं सकता। अब अगली चुनौती है ऐसे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना, ताकि रामानुजगंज की गलियों से नशे का साया पूरी तरह मिट सके।
इस अभियान में मुख्य आरक्षक कुमारु राम, रमेश दुबे, अशोक सोनी, नगर सैनिक गणेश पांडे, महिला सैनिक राजकुमारी सिंह और अंजू एक्का की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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