केरल : कोरोनावायरस के प्रकोप से उभरते केरल में अब एक और वायरस फैलने लगा है. यहां कक्कनाड के एक प्राइवेट स्कूल के छात्रों की तबियत बिगड़ी तो जांच करने पर सामने आया कि वे एक वायरस से संक्रमित हुए हैं. डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर के मुताबिक, बच्चों में नोरोवायरस की पुष्टि हुई है.
केरल के कक्कनाड में एक और वायरस का संक्रमण
कक्कनाड डीएमओ ने बताया कि एक प्राइवेट स्कूल में प्राथमिक कक्षा के बच्चों में उल्टी और दस्त जैसे लक्षण दिखने के बाद इस बीमारी की पुष्टि हुई थी. उन्होंने बताया कि कक्षा 1 व कक्षा 2 के 62 विद्यार्थियों व कुछ अभिभावकों में संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर सैंपल स्टेट पब्लिक लैब भेजे गए थे. जिला चिकित्सा अधिकारी (डीएमओ) द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, 2 सैंपल के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं. वहीं, 3 बच्चों का इलाज चल रहा है.
कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की छुट्टी की गई
डीएमओ ने कहा कि जो बच्चे नोरोवायरस से संक्रमित हुए उनकी हालत चिंताजनक तो नहीं है, हालांकि प्रकोप के बाद स्कूल ने कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए अवकाश घोषित कर दिया है. जिला प्रशासन ने वायरस के प्रकोप के मद्देनजर निवारक और जागरूकता के उपाय शुरू किए हैं. ऑनलाइन अवेयरनेस क्लासेस आयोजित की जा रही हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, संक्रमण फैलने वाले स्कूल में कक्षाओं और शौचालयों को सेनिटाइज किया गया है. वहीं, लक्षण दिखने वालों को निगरानी में रहने की सलाह दी गई है. अधिकारियों ने जनता से सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि पेयजल स्रोत साफ होने चाहिए. डीएमओ के बयान में कहा गया है कि उचित उपचार और एहतियात के साथ बीमारी को कम समय में ठीक किया जा सकता है.
नोरोवायरस क्या है और यह कैसे फैलता है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नोरोवायरस एक संक्रामक वायरस है जो उल्टी और दस्त का कारण बनता है. इसके सामान्य लक्षणों में निम्न-श्रेणी का बुखार या ठंड लगना, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं. यह वायरस आमतौर पर स्वस्थ लोगों को प्रभावित नहीं करता है, लेकिन यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य-बीमारियों वाले लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है. नोरोवायरस प्रदूषित पानी और भोजन से फैल सकता है. संक्रमित लोगों के साथ सीधे संपर्क से भी इसकी बीमारी लग सकती है. यह संक्रमित लोगों के मल और उल्टी से भी फैल सकता है.
संक्रमित होने पर कैसे किया जाए बचाव?
संक्रमित लोगों को डॉक्टर के निर्देशानुसार घर पर ही आराम करने की सलाह दी जाती है. उन्हें भरपूर मात्रा में उबला हुआ पानी और ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ओआरएस) का सेवन करना होगा. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सेवा लेनी होगी. संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने के दो दिन बाद ही बाहर जाना चाहिए, क्योंकि उस दौरान वायरस फैल सकता है.
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