चेन्नई : चेन्नई के मामल्लपुरम तट से टकराने के बाद चक्रवाती तूफान मैंडूस (Cyclone Mandous) ने तबाही मचा दी है। मामल्लपुरम तट से गुजरने के बाद चक्रवाती तूफान ने शहर और आसपास के इलाकों को प्रभावित किया और यहां तक की 400 से ज्यादा पेड़ जड़ से उखड़ गये। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बताया कि 9 और 10 दिसंबर की दरम्यानी रात 70 किमी प्रति घंटे की हवा के साथ तूफान तट से टकराया।
चार लोगों की हुई मौत
सीएम ने बताया कि तूफान के चलते चार लोगों की मौत भी हो गई। मरीना बीच के पास भी जलभराव देखने को मिला और खाने-पीने के स्टॉल क्षतिग्रस्त हो गए। स्टालिन ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सरकार ने स्थिति का अनुमान लगा लिया है और सभी निवारक उपाय किए जा रहे हैं ताकि बड़े नुकसान को रोका जा सके। स्टालिन ने कहा कि उन्नत योजना के साथ, इस सरकार ने साबित कर दिया कि किसी भी आपदा का प्रबंधन किया जा सकता है।
#CycloneMandous | A large tree got uprooted in Egmore area of Chennai due to strong winds. pic.twitter.com/D7xZLQUMDB
— ANI (@ANI) December 10, 2022
अब कमजोर होने लगा तूफान
तेज हवा चलने के चलते लगभग 400 पेड़ गिर गए हैं। कई पेड़ बिजली के खंभों पर गिर जाने के चलते बिजली सप्लाई भी प्रभावित हुई है। चक्रवात के कारण बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है और 600 जगहों पर बिजली बंद कर दी गई है। सरकार के अनुसार सफाई का काम तेजी से चल रहा है और लगभग 25,000 लोग आपदा प्रबंधन कार्यों में लगे हैं। हालांकि, आईएमडी चेन्नई ने एक ट्वीट में कहा कि चक्रवाती तूफान मैंडूस उत्तरी तमिलनाडु तट पर टकराने के बाद अब कमजोर हो गया है।
केंद्रीय सहायता मांग सकती है सरकार
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर केंद्रीय सहायता मांगी जा सकती है। इससे पहले, राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री के के एस एस आर रामचंद्रन ने कहा कि 205 राहत केंद्रों में 9,000 से अधिक लोगों को रखा गया है। शुक्रवार सुबह 6 बजे से आज सुबह 6 बजे के बीच, 30 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी संचालन प्रभावित होने के कारण रद्द कर दिया गया था।