रांची। हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चम्पाई सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ले ली है। वे हेमंत सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। जब बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठ रही थी उस दौरान चम्पाई का नाम खूब चर्चा में रहा। लोग उन्हें ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से बुलाने लगे। इनकी गिनती न केवल शिबू सोरेन परिवार के विश्वस्त नेता के रूप में होती है, बल्कि पूरी तरह समर्पित कार्यकर्ता भी कहे जाते हैं।
राज्य के नये मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन का जन्म सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगौड़ा में 11 नंवबर, 1956 को हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय सिमाल सोरेन और माता का नाम स्वर्गीय मादी सोरेन है। उनका परिवार खेती किसानी करता था। 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चम्पाई ने पढ़ाई लिखाई की। इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानकों से कर दिया गया। शादी के बाद चम्पाई के चार बेटे और तीन बेटियां हुईं। चम्पाई सोरेन की शिक्षा मैट्रिक तक हुई है।
चम्पाई सोरेन का राजनीतिक सफरनामा
चम्पाई सोरेन को हेमंत सोरेन से पिता और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का हनुमान कहा जाता है। शिबू सोरेन के साथ ही चम्पाई भी झारखंड के आंदोलन में सक्रिय थे। इसके बाद चम्पाई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर दिया। बाद में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए।
सरायकेला से चम्पाई सोरेन ने छह बार विधानसभा का चुनाव जीता है। 1991 से 2019 के बीच ये केवल एक बार साल 2000 में चुनाव हारे हैं। 2005 के बाद से ये लगातार सरायकेला से विधानसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं। हेमंत सोरेन जब पहली पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। तब इन्हें खाद्य आपूर्ति और साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री बनाया गया था।
-1991 में पहली बार चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की।
-1995 में झामुमो के टिकट पर जीत हासिल की।
-2005 से लगातार सरायकेला से विधायक हैं।
-भाजपा सरकार में 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक कैबिनेट मंत्री रहे।
-13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक हेमंत कैबिनेट में खाद्य आपूर्ति और परिवहन विभाग के मंत्री रहे।
-2019 में परिवहन, एससी-एसटी और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बने।
-बिहार-झारखंड बंटवारे में शिबू सोरेन के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भाजपा सरकार में रह चुके हैं मंत्री
चम्पाई सोरेन ने भाजपा नेता अर्जुन मुंडा की सरकार में मंत्री के रूप में सेवा की। उन्होंने अहम मंत्रालयों का दायित्व संभाला और 11 सितंबर, 2010 से 18 जनवरी, 2013 तक मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चम्पाई सोरेन को खाद्य आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया।
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