बलरामपुर। लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ घाट में व्रतियों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। आज सुबह से ही दउरा, सूप और फल के बाजार सज चुके थे। दोपहर होते ही नगर के सभी प्रमुख मार्गों की साफ सफाई की गई। दिन ढलते ही छठ घाटों में श्रद्धालुओं की जन सैलाब उमड़ पड़ी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात थी।
जिले के सरहदी क्षेत्र में बहने वाली जीवनदायिनी कन्हर नदी के तट पर सूर्य उपासना के तीसरे दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु अर्घ्य देने पहुंचे। छठ घाट पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। नदी के किनारे गोताखोरों की टीम को भी तैनात किया गया था। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सादे कपड़ों में भी पुलिस बल तैनात किए गए थे।
कृषि मंत्री और सरगुजा सांसद पहुंचे छठ घाट
महापर्व छठ के तीसरे दिन राज्य के कृषि मंत्री रामविचार नेताम और सरगुजा के सांसद चिंतामणि महाराज रामानुजगंज छठ घाट पहुंचे। जहां उन्होंने सभी के सुख शांति की मंगलकामना की। मीडिया से बातचीत के दौरान कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि, छठ पूजा की शुरुआत बिहार से हुई थी, लेकिन समय के साथ यह पर्व झारखंड, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय हो गया है। मंत्री ने छठ को आस्था और एकता के प्रतीक बताते हुए कहा कि यह पर्व समाज में भाईचारे और शांति का संदेश फैलाता है। उन्होंने श्रद्धालुओं को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए उनके लिए सुख-समृद्धि की कामना की।
वहीं सरगुजा के सांसद चिंतामणि महराज ने कहा कि सूर्य उपासना का यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि समाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। छठ पर्व का व्रत अत्यंत कठिन होता है, जिसमें व्रती निर्जला उपवास रहते हैं और विशेष नियमों का पालन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस स्थान पर सूर्य को अर्घ्य देने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है, जो श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है।