बलरामपुर। चंद्रयान 3 के सफलता के बाद हर भारतीय गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. चंद्रमा के दक्षिणी छोर के दुर्गम हिस्से में चंद्रयान 3 के रोवर का सफलता पूर्वक सोफ्ट लैंडिंग हुआ है. बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित गांव पिपरोल रहने वाले निशांत सिंह मिशन चंद्रयान 3 में शामिल हुए जिससे उनके पैतृक गांव पिपरोल में भी खुशी उत्साह का माहौल बना हुआ है. निशांत की उपलब्धि से पिपरौल गांव के लोग काफी उत्साहित हैं.
मूलरूप से बलरामपुर जिले के पिपरौल गांव के रहने वाले युवा साइंटिस्ट निशांत सिंह बचपन में स्कूल के दिनों से ही मेघावी छात्र रहे हैं. निशांत ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा रामचंद्रपुर विकासखंड के पिपरौल गांव से ही शुरू की थी उस दौरान सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले में नक्सलियों की सक्रियता काफी बढ़ गई थी और आए दिन नक्सली इस क्षेत्र में घटनाओं को अंजाम देने लगे जिससे स्कूल में पढ़ने वाले शिक्षक निशांत सिंह के परिवार ने करीब दो दशक पहले ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पिपरौल गांव को छोड़ दिया और अंबिकापुर शहर में जाकर बस गए. निशांत ने पांचवीं क्लास के बाद अपनी आगे की पढ़ाई नवोदय विद्यालय से की थी.
निशांत ने त्रिवेंद्रपुरम के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की है. उनका चयन एससी पद के लिए इसरो अहमदाबाद में हुआ था. बचपन से ही निशांत पढ़ने में होशियार रहे. निशांत ने नवोदय विद्यालय बसदेई सूरजपुर से दसवीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद केरल कोट्यम के नवोदय विद्यालय में 12वीं तक की शिक्षा हासिल की.