पलामू। विधानसभा चुनाव से पहले पलामू पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। चुनाव के दौरान हिंसक वारदात के लिए प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के द्वारा जमा करके रखे गए 994 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। बरामद गोली अमेरिका एवं सर्बिया की है। पुलिस की लूटी गयी .303 की एक राइफल भी बरामद की गयी है। इनमें 0.22 एमएम का 914 जिंदा कारतूस, 54 और 26 अलग अलग जिंदा गोली बरामद की गयी है। ये गोली अमेरिका एवं सर्बिया की है।
जिले की एसपी रीष्मा रमेशन ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि बिहार सीमा से सटे जिले के पिपरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पहलदेवा से चेरीधाम जाने वाले रास्ते में स्थित झरना पहाड़ के पास किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित माओवादी संगठन की ओर से हथियार और गोली जमीन में छुपाकर रखा गया है। यह इलाका 15 लाख के इनामी नीतेश यादव उर्फ इरफान का है। नीतेश के अलावा संजय यादव उर्फ गोदराम, इनताज अंसारी उर्फ ठेंगन मियां अन्य पांच माओवादी के द्वारा यहां हथियार गोली छुपाए गए थे।
छतरपुर के एसडीपीओ अवध किशोर यादव, अंचल निरीक्षक द्वारिका राम, पिपरा थाना प्रभारी विमल कुमार ने झारखंड जगुआर के साथ उस इलाके में सर्च अभियान चलाया गया। झरना पहाड़ की तराई के पास से एक प्लास्टिक के झोले में छुपाकर रखा पैकेट बरामद किया गया। एसओपी का पालन करते हुए उसे खींचकर बाहर निकाला गया। उसे खोलने के बाद एक पुराना बिना ढक्कन का स्टील का कैन मिला। उसमें 0.22 एमएम का 914 जिंदा कारतूस, पैन्दे पर 30-06 एसपीआरजी पीपीयू लिखा हुआ 54 जिंदा कारतूस एवं 30-06 एसपीआरजी एसएंडजी लिखा हुआ 26 जिंदा कारतूस बरामद हुआ। कारतूस में जंग ना लगे, इसके लिए उसमें तेल भी मिलाया गया था।
एक .303 मैग्जिन एवं वोल्ट लगा राइफल भी बरामद हुई, जिसकी बॉडी पर 23857 लिखा हुआ था एवं बट में काले रंग का सिलिंग बंधा हुआ था। यह राइफल पुलिस से लूटी हुई प्रतीत होती है, इसके लिए अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस की राइफल की बॉडी और बट पर नंबर रहता है। संभावना है कि बरामद राइफल का बट रिप्लेश किया गया होगा।
एसपी ने कहा कि 0.22 एमएम की गोली का इस्तेमाल आइइडी एवं ग्रेनेड में किए जाने की संभावना है। क्योंकि, इसका रेंज शार्ट होता है और प्रभाव काफी कमजोर होता है लेकिन आइइडी एवं ग्रेनेड में इस्तेमाल करने से यह काफी घातक हो जाता है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भारी संख्या में कारतूस का मिलना पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है।
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