रांची। भाजपा शासित मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, ओडिशा दलित, आदिवासी, पिछड़ों के अत्याचार और उत्पीड़न का हब बन गया है। इस पर प्रधानमंत्री संज्ञान लें।
यह आरोप लगाते हुए आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने यह बात कही। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आज भाजपा शासित मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, ओडिशा राज्य दलित, आदिवासी और पिछड़ों के अत्याचार व उत्पीड़न का हब बनता जा रहा है, जो देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। अगर इसी तरह इन वर्गों पर जुल्म, अत्याचार, व्याभिचार, उत्पीड़न होता रहा, तो आने वाले दिनों में जातीय संघर्ष की संभावना को रोका नहीं जा सकता। इसलिए प्रधानमंत्री इस पर अविलंब संज्ञान लें तथा जुल्मी अत्याचारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दें ताकि जुल्मी, अत्याचारियों के बढ़ते मनोबल को तोड़ा जा सके और इन वर्गों के उत्पीड़न पर रोक लग सके।
श्री नायक ने आगे उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के कथावाचक को भागवत कथा कहने पर सरेआम सिर के बाल छिलाकर मूत्र पिलाने की नाकाम कोशिश की, तो दूसरी ओर दलित समाज के एक बुजुर्ग को गाय खरीद कर ले जा रहे लोगों को गो रक्षक संगठन के मनुवादी लोगों ने आधा सिर का बाल छिल कर ठेहुनी के बल चलाकर उत्पीड़ित किया। इससे पूर्व में मध्यप्रदेश में एक आदिवासी युवक को पेशाब पिला कर उत्पीड़न किया गया, जो सभ्य समाज के लिए यह घटनां कलंकित करनेवाली हैं।
श्री नायक ने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते इन घटनाओं को रोका नहीं गया, तो अंजाम आने वाले दिनों में भयंकर होगा और जातीय संघर्ष बढ़ेगा, जिसकी जिम्मेवारी भारत सरकार एवं राज्य सरकारों की होगी।
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