श्रीनगर : भारी बर्फबारी के बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को श्रीनगर में खत्म हो गई। यह 145 दिन पहले 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। इसकी क्लोजिंग सेरेमनी के दौरान शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में रैली में राहुल गांधी ने कहा, ‘आप बारिश में खड़े हुए कोई भीगा नहीं, सर्दी में आपको सर्दी नहीं लग रही है। देश की शक्ति आपके साथ है। प्रियंका की बात मैं सुन रहा था। प्रियंका ने जो कहा, उससे मेरी आंख में आंसू आए। मैं कन्याकुमारी से चला था। पूरे देश में चले हम लोग। सच बताऊं कि मुझे लगा कन्याकुमारी से कश्मीर चलने में मुश्किल नहीं होगी। फिजकली ये काम मुश्किल नहीं होगा। ये मैंने सोचा था। शायद मैं काफी वर्जिश करता हूं, थोड़ा सा अहंकार आ गया, जैसे आ जाता है। मगर फिर बात बदल गई। जब मैं छोटा था फुटबॉल खेलता था। कॉलेज में जब मैं फुटबॉल खेल रहा था तो बहुत जोर से घुटने में चोट लगी थी। मैं उसे भूल गया था। घुटने में दर्द नहीं होता था, उसे भूल गया था। कन्याकुमारी से चलने के 5-7 दिन चलने के बाद जबरदस्त प्रॉब्लम हुई थी। थोड़ा अहंकार उतर गया, मैं सोचने लगा कि जो 3500 किलोमीटर हैं, उन्हें चल पाऊंगा कि नहीं। मुझे जो आसान काम लगा, वो काफी मुश्किल हो गया। किसी न किसी तरह से मैंने ये काम पूरा कर लिया।’
उन्होंने कहा, “काफी दर्द सहना पड़ा, सह लिया। बहुत कुछ सीखने को मिला। रास्ते में एक दिन दर्द हो रहा था। मैं सोच रहा था कि 6-7 घंटे और चलना है। उस दिन मुझे लग रहा था कि आज मुश्किल है। छोटी सी बच्ची दौड़ती हुई आई और कहने लगी कि मैंने आपके लिए कुछ लिखा है। मैंने कहा कि अभी मत पढ़ो, बाद में पढ़ना। वो गले लगकर भाग गई। मैंने सोचा कि पढ़ता हूं कि उस लड़की ने क्या लिखा। उसने लिखा था- मुझे दिख रहा है िक आपके घुटने में दर्द है। क्योंकि आप जब उस पैर पर वजन डालते हो तो चेहरे पर दर्द दिखता है। मैं आपको बताना चाहती हूं कि मैं आपके साथ कन्याकुमारी नहीं चल सकती, क्योंकि मेरे माता-पिता नहीं चलने दे रहे हैं। लेकिन दिल में आपके साथ चल रही हूं। जानती हूं कि आप अपने लिए नहीं, मेरे और मेरे भविष्य के लिए चल रहे हो। उसी पल मेरा दर्द उस दिन के लिए गायब हो गया। दूसरी बार मैं चल रहा था, उस वक्त वहां सर्दी बढ़ रही थी। सुबह का समय था। 4 बच्चे आए। पता नहीं कहना चाहिए या नहीं। छोटे से बच्चे भीख मांगते थे, उनके पास कपड़े नहीं थे। मजदूरी करते थे तो मिट्टी थी। मैं उनके गले लगा, घुटनों पर जाकर पकड़ा। मैं उनके लेवल पर रहना चाहता था। मैं यह बात कहना नहीं चाहता था पर कह रहा हूं। उन्हें ठंड लग रही थी तो कांप रहे थे। शायद उन्हें खाना भी नहीं मिला था। मैंने सोचा ये स्वेटर नहीं पहनते, जैकेट नहीं पहनते तो मुझे भी नहीं पहननी चाहिए। मेरे साथ चल रहे एक व्यक्ति ने बोला कि ये बच्चे गंदे हैं, इनके पास नहीं जाना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि बच्चे आपसे और मुझसे ज्यादा साफ हैं। देश में कभी-कभी यह विचारधारा दिखाई दे जाती है।’
यहां सुबह से भारी बर्फबारी हो रही है। इसके बाद भी कार्यकर्ताओं का उत्साह कम नहीं है। सुबह से कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ देखी गई। उधर, राहुल यहां भी अलग रंग में दिखे। उन्होंने बहन प्रियंका के साथ बर्फबारी का लुत्फ उठाया। दोनों एक-दूसरे पर बर्फ उछालते नजर आए।
रैली में किसने क्या कहा
प्रियंका गांधी ने कहा- हर हिंदुस्तानी देश में एकता और शांति चाहता है। जो राजनीति तोड़ती है, उस राजनीति से भलाई नहीं हो सकती। BJY एक आध्यात्मिक यात्रा रही है। यात्रा के बीच में अजान का वक्त हो गया तो उन्होंने स्पीच रोक दी।
महबूबा मुफ्ती बोलीं- राहुल, आपने कहा था कि तुम कश्मीर में अपने घर आ गए हो। यह तुम्हारा घर है। मुझे उम्मीद है कि गोडसे की विचारधारा ने जम्मू-कश्मीर से जो छीन लिया, वह इस देश से वापस मिल जाएगा। गांधी जी ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में आशा की किरण देख सकते हैं। आज देश राहुल गांधी में आशा की किरण देख सकता है।
NC, PDP रैली में पहुंची, JDU, TMC, NCP नदारद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, JDU, TMC CPM RJD, CPM, SP, NCP ने भारत जोड़ों यात्रा के क्लोजिंग सेरेमनी से दूरी बना ली है। वहीं, NC के उमर अब्दुला और PDP की महबूबा मुफ्ती इस रैली में शामिल होने पहुंचीं।
श्रीनगर में बोले राहुल- जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली हो
रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस राहुल गांधी ने कहा कि आर्टिकल 370 पर हमारा स्टैंड क्लियर है। हमारी वर्किंग कमेटी में इसकी चर्चा हुई है, इसके दस्तावेज दिखा दूंगा। हम जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के मुताबिक, आर्टिकल 370 हटने के बाद यहां सब ठीक हो गया है, लेकिन यहां टारगेट किलिंग हो रही है। लोगों में डर का माहौल है। अगर सब कुछ ठीक है तो अमित शाह जम्मू से श्रीनगर तक पदयात्रा करके दिखाएं।
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