बलरामपुर। गुरुवार को कोतवाली थाना में स्वास्थ्यकर्मी गुरूचंद मंडल की मौत के मामले में हुए हिंसा के बाद शुक्रवार को जिला पुलिस चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रही। सुबह होते ही धीरे धीरे परिजन बलरामपुर जिला अस्पताल में एकत्रित होने लगे। यहां मृतक का पीएम होना था। दोपहर होते ही जिला अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील हो गई। इधर सरगुजा आईजी अंकित गर्ग बलरामपुर पहुंचे। आईजी और एसपी वैभव बेंकर ने पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखा और पुलिस अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए।
मजिस्ट्रेट की देखरेख में हुआ पोस्टमार्टम, एनएच 343 जाम
दोपहर होते ही अंबिकापुर से पांच डॉक्टरों की टीम स्वास्थ्यकर्मी गुरूचंद मंडल का पीएम करने बलरामपुर जिला अस्पताल पहुंची। पोस्टमार्टम न्यायिक मजिस्ट्रेट की देखरेख में हुई। इधर, परिजनों ने पुलिस के खिलाफ जमकर बवाल काटा। मृतक के परिजनों ने इसके बाद हॉस्पिटल चौक स्थित एनएच 343 जाम कर दिया। जिससे दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। करीब आधे घंटे बाद पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर जाम हटवाया।
इधर बंगाली समाज ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर एसडीओ के माध्यम से सीएम विष्णुदेव साय को ज्ञापन सौंपा। समाज ने सीएम विष्णुदेव साय से इस घटना में संलिप्त सभी अधिकारियों के ऊपर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए, मृतक के परिवार वालों को 5 करोड़ रुपए मुआवजा राशि, परिवार के किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी, परिवारजनों को शासकीय योजनाओं का लाभ और घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है।
ग्रामीणों ने की पत्थरबाजी, महिला एएसपी हुई चोटिल
पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मृतक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय ग्रामीणाें ने पत्थरबाजी की। इस हिंसा में बगीचा एएसपी निमिशा पांडेय चोटिल हो गईं। वहीं पुलिस कर्मियाें ने लाेगाें काे समझाने में जुटे रहे।
प्रशासन की मौजूदगी में होगा अंतिम संस्कार
पुलिस शव को सुपुर्द करने परिजन के घर पहुची। इधर आक्रोशित लोगों ने शव लेने से इनकार कर दिया। अंत में जनप्रतिनिधियों ने जब इस पूरे मामले में पहल की तो मृतक के परिजन इस बात से सहमत हुए कि उन्हें बार-बार गुमशुदगी के मामले में थाने बुलाकर परेशान ना किया जाए। फिलहाल अभी तक बलरामपुर में सुबह से जिस तरह से कानून व्यवस्था बिगड़ने का माहौल था अब स्थिति शांत हो चुकी है और शनिवार को प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार होगा।
पुलिस प्रशासन की सहनशीलता आई काम: इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने बेहद सहनशीलता के साथ काम किया। कई बार ऐसी परिस्थिति पैदा हुई जब भीड़ ने विरोध प्रदर्शन की सारी सीमाएं लांघ दी थी लेकिन पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई नहीं की गई। अंतिम संस्कार स्थल पर भी बड़ी संख्या में महिलाओं और ग्रामीणों की भीड़ थी। लोगों ने हाथों में डंडा पकड़ रखा था। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया था।
थाना प्रभारी और आरक्षक सस्पेंड
घटना की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। प्रथम दृष्टया बलरामपुर थाना प्रभारी व एक आरक्षक को निलंबित कर दिया गया है। एसपी कार्यालय द्वारा विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि वर्तमान में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। गतिविधियों पर सतत् निगाह रखी जा रही है।
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