चाईबासा: चाईबासा जिला सत्र न्यायालय ने बहुचर्चित तिहरे हत्याकांड में पांच आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है। आरोपी ने एक ही परिवार के तीन लोगों की गला रेतकर हत्या कर दिया था। इसके अलावा दोषियों पर न्यायलय ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी सजा लगाया है।
गला रेतकर कर दी गई थी हत्या
पश्चिमी सिंहभूम जिला के बंदगांव थाना क्षेत्र के पोडोगेंर गांव में 8 नंवबर 2021 को सलीम डहांगा, उसकी पत्नी और पुत्री राहिल डहांगा को उसके घर के आंगन में गला रेत कर हत्या कर तीनों के शव को कारो नदी तट के किनारे बालू एवं मिट्टी के नीचे छुपा दिया गया था।
पूछताछ में मरकस ने हत्या करने की बात कबूला
इस संबंध में बंदगांव थाना में हत्या का मामला दर्ज कर जांच की गई। जांच के क्रम में एक दोषी मरकस डहांगा को शक के आधार पर पूछताछ की गई। पूछताछ में मरकस ने हत्या में अपनी संलिप्ता स्वीकार करते हुए इलियास डहांगा, केम्बा डहांगा, दाउद डहांगा तथा इलियास डहांगा उर्फ बंका बाकु के साथ मिल कर हत्या करने की बात स्वीकार किया।
पुलिस ने दाखिल किया था आरोपपत्र
हत्या करने का जुर्म स्वीकार करने के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के क्रम में बंदगांव पुलिस द्वारा उक्त तीनों के शव को बरामद किया गया था। साथ ही सभी साक्ष्यों को वैज्ञानिक तरीके से संग्रह कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
मृत्युदंड का सुनाया फैसला
सुबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर इस मामले पर बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की अदालत में सुनवाई हुई। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पांचो आरोपियों मरकस डहांगा, इलियास डहांगा, केम्बा डहांगा, दाउद डहांगा तथा इलियास डहांगा उर्फ बंका बाकु को मृत्यु दण्ड तथा एक लाख रूपये जुर्माना की सजा दी गई है।
बंदगांव के पोड़ेंगेर गांव के कुंआ टोला में डायन बिसाही के नाम पर 8 नवंबर 2021 एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। जिसमें सालीन डाहांगा, बेलानी डाहांगा व राहील डाहांगा शामिल थे। हत्यारों ने तीनों की धारदार हथियार से हत्या कर साक्ष्य छिपाने के लिए शवों को नदी किनारे बालू में दबा दिया गया था। इसको लेकर परिवार के सदस्य बसंती डांहागा द्वारा बंदगांव थाने में नौ नवंबर को शिकायत दर्ज कराई थी।
दर्ज शिकायत में कहा गया था कि पोड़ेंगेर गांव के कुआं टोला निवासी परिवार के तीन लोग आठ नवंबर से लापता हैं। नौ नवंबर को बंदगांव पुलिस द्वारा छानबीन शुरू किया गया। शक के आधार पर पुलिस ने मरकस डाहांगा से कड़ाई से पूछताछ की। इसके बाद उसने पुलिस को बताया कि दो महीने पहले उसकी बेटी की मृत्यु हो गई थी।
मृत्यु का कारण जानने के लिए रनिया थाना क्षेत्र के मसराम गांव के वैध सिमोन तोपनो पास गया था। वैध ने बताया था कि तुम्हारी बेटी को सलीम डाहांगा एवं उनके घर के लोगों द्वारा जहर देकर मार दिया गया है। इसको लेकर मरकस डाहांगा ने दाऊद डाहांगा, इलियास डाहांगा के साथ मिलकर धारदार हथियार से हत्या कर आठ नवंबर को कारो नदी किनारे बालू में शवों को दफना दिया था।
बंदगांव पुलिस ने मरकस डाहांगा, दाउद डाहांगा एवं इलियास डाहांगा को गिरफ्तार कर लिया था। मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शवों को बालू से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल भेज दिया गया था। साथ ही में उपयोग किए गए कुदाल, टांगी, कपड़े आदि भी पुलिस ने बरामद कर लिया था।
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