हजारीबाग : हजारीबाग में 20 दिसंबर की रात पुलिस लाइन में हुई रिंकी हत्याकांड का खुलासा कर लिया गया. यह बात सामने आयी कि पुलिसकर्मी का बेटा ही हत्या का मुख्य आरोपी है और वारदात में उसने अपने एक मित्र की मदद ली थी. हत्या बेहद निर्मम तरीके से की गई. एक ने मुंह दबाया और दूसरे ने उसके पीठ में छह जगह धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी.
सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति ने घटना के पीछे की कहानी के बारे में बताया कि वह चौंकाने वाला है. दरअसल परशुराम हजारीबाग में पदस्थापित पुलिसकर्मी है और उसका परिवार पलामू में रहता है. परशुराम का संबंध एक महिला से था और वह लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगा. इससे उनके परिवार में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. उनकी पत्नी ने छह माह पहले ही महिला रिंकी देवी के कारण ही आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या करने से उनका बेटा आशीष कुमार काफी परेशान हो गया और उसने योजना बनाई कि अपनी मां की मौत का बदला लेगा. उसके दोस्त करण कुमार ने उसकी मदद की. दोनों दोस्त पलामू से रांची पहुंचे और बस से हजारीबाग आया. जब घर में किसी को नहीं पाया, तो उसने उस महिला की हत्या कर दी. महिला का नाम रिंकी कुमारी बताया जाता है, जो इचाक थाना क्षेत्र के झरपो की रहने वाली थी.
पुलिस ने तत्काल मामले की जांच करते हुए आरक्षी परशुराम को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. लोहसिंघना थाना प्रभारी इस मामले की जांच करते हुए पलामू भी गए. वहां से उन्होंने गिरफ्तार कर दोनों आरोपियों को लाया. दूसरी ओर हजारीबाग सीसीआर डीएसपी आरिफ इकराम टेक्निकल सेल की मदद ली. मोबाइल लोकेशन के आधार पर मामले की जांच की.
सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति ने बताया कि हत्या करने में महज 5 से 7 मिनट का समय लिया गया. काफी सावधानी से अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया. घटना को अंजाम देने के बाद लौटने के क्रम में रांची पहुंचने तक मोबाइल का सिम बदल दिया गया. रांची से पलामू जाने के क्रम में भी सिम बदला गया. जब पलामू पहुंच गया, तो फिर नया सिम लगाया गया. घटना को अंजाम देने के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए सिम बदला गया. पुलिस ने हत्या में उपयोग में लाया गया धारदार हथियार और मोबाइल भी जब्त कर लिया गया है.
ये भी पढ़े…….
चौपारण में पत्रकार शशि शेखर पर चली गोली, दुकान में चिपकाया पीएलएफआई का पर्चा, लहराया पिस्टल