इटखोरी। श्री 1008 शीतलनाथ भगवान की जन्म स्थली भद्दलपुर इटखोरी में श्री 1008 मज्जिनेन्द्र जिनविम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ में मुनि श्री 108 सराक केसरी श्रमण श्री विशल्य सागर जी मुनिराज ससंघ के सानिध्य में आज उत्तम तप कल्याणक महोत्सव मनाया गया। प्रातः अभिषेक, शांतिधारा नृत्यमय पूजन के बाद जन्म कल्याणक पूजन का कार्यक्रम हुआ। तत्पश्चात परम पूज्य मुनि श्री के श्रीमुख से मंगल प्रवचन हुआ।

पूज्य गुरुदेव मुनि श्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का दिन इतना महत्वपूर्ण है कि इसका उद्देश्य संसार में पर्यटन नहीं भौक्तिता की दौड़ मे नहीं जीना है बल्कि जीवन को मंदिर बनाकर जीना है। मन के द्वारा अंतरंग में प्रवेश कर जाना ही मंदिर में पहुँचना है। जन्म लिया है ऐसा जन्म जो पदार्थों की दौड़ तक हो परमार्थ तक न पहुँचे तो जन्म हमारा निरर्थक है ।
जब यह जीव परमार्थ की दौड़ में चलता है तो उसका जन्म कल्याणक के रुप में मनाते है।” बोध और बोधि का समन्वय होना जरूरी है।धार्मिक नही बनना धर्मात्मा बनना ।धर्मात्मा के अंदर धर्म कण- कण में बास करता है धार्मिक दो चार घंटे के लिए बनता है धर्मात्मा जीवन भर के लिए रहता है, धर्मात्मा इस लोक को सुधारता है।

बाद में बाहर से आए सभी अतिथिगण का स्वागत स्वागतध्यक्ष कमल बाबू जैन जयपुर, शिरोमणि संरक्षक शिखर चंद जैन कासलीवाल, अध्यक्ष ताराचंद जैन इटखोरी महोत्सव समिति के महामंत्री निर्मल कुमार जैन, समिति के उपाध्यक्ष राजेश कुमार जैन बड़जात्या, कोषाध्यक्ष संजय कुमार जैन, परम संरक्षक मदनलाल पाटनी, मुख्य समन्वयक मनीष बड़जात्या, विवेक गंगवाल हजारीबाग व अन्य ने माला दुपट्टा वह मोमेंटो देकर सम्मान किया। दोपहर में वैराग्य दृश्य का बाहर से आए कलाकारों के द्वारा मंचन किया गया। ख्याति प्राप्त अजीत शास्त्री प्रतिष्ठाचार्य, कपिल भैया, इंदौर , अभिषेक जैन कोडरमा के सानिध्य में सारे कार्यक्रम संपन्न हो रहे हैं। संगीतकार कुलदीप जैन भोपाल के संगीत से सभी भक्तजन झूम रहे हैं। संध्या में महाआरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।
इटखोरी पंचकल्याणक महोत्सव कमेटी के स्वागताध्यक्ष कमल कुमार जैन जयपुर ने पांच दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव की जानकारी देते हुए।