बलरामपुर। फूंक से फरमान, दुआ से निदान… वाली खबर ने बलरामपुर के झोलाछाप डॉक्टरों की नींद उड़ा दी है। जिलेभर में ऐसा माहौल बना है जैसे किसी ने फर्जी इलाज पर सायरन बजा दिया हो। अब न बोर्ड हटे हैं, न क्लीनिक बंद हुए हैं लेकिन ड्रिप, सिरिंज और बिस्तर धीरे से घर में शिफ्ट हो गए हैं। जिन जगहों पर कल तक मरीजों को झाड़-फूंक और इंजेक्शन एक साथ मिलते थे, वहां अब सन्नाटा पसरा है।
ड्रिप अब ड्राइंग रूम में

बलरामपुर जिले के कई झोलाछाप डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक की साज-सज्जा बदल दी है। किसी ने मरीजों की कुर्सी हटा दी, तो किसी ने इंजेक्शन ट्रे घर पहुंचा दी। एक डॉक्टर साहब तो अब अपने ही घर के आंगन में ड्रिप चढ़वा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कल तक जिनके क्लीनिक में भीड़ लगी रहती थी, अब वो खुद इलाज से ज्यादा खबरों से डर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी “अब बचेगा कोई नहीं”
जानकारी अनुसार, जिन झोलाछापों के खिलाफ शिकायतें हैं, उन पर सख्त कार्रवाई तय है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में कई जगहों पर औचक निरीक्षण किए जाएंगे। अब जांच टीमें ‘क्लीनिक’ ही नहीं, उन घरों तक पहुंचेंगी जहां झोलाछापों ने अपनी ड्रिपें शिफ्ट कर रखी हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बलरामपुर में असली इलाज अब जागरूकता है। बलरामपुर में झोलाछाप डॉक्टरों की हालत अब “ड्रिप” जैसी है। लटकी हुई, पर किसी भी वक्त उतरने वाली। जहां कभी फूंक से फरमान चलता था, अब वहां डर से निदान हो रहा है। सवाल बस इतना है क्या स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई इन सफेद कोट वाले जादूगरों पर आखिरी फूंक साबित होगी?
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