धनबाद: राज्य के धनबाद जिले में जल्द ही गीले कचरे से मिथेन गैस तथा कंपाेज्ड खाद तैयार हाेगा। मिथेन गैस से डीपीएनजी (डाॅमेस्टिक पाइप्ड नेचुरल गैस) व सीएनजी (कम्परेस्ड नेचुरल गैस) का निर्माण हाेगा। इसका उपयाेग घर के ईंधन के अलावा सीएनजी की गाड़ियाें में हाेगा। वहीं कंपाेज्ड खाद से खेती-किसानी में फायदा हाेगा। भारत सरकार की उपक्रम गेल गैस लिमिटेड, धनबाद में गीला कचरा का प्राेसेसिंग प्लांट लगाएगी। गेल गैस के धनबाद क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक तपन पिल्लई ने बताया कि भारत सरकार के निर्देश पर धनबाद में कचरा प्राेसेसिंग प्लांट लगाने की याेजना है। प्लांट निर्माण पर तकरीबन 34-35 कराेड़ खर्च हाेंगे।
यह राशि केंद्र सरकार देगी। प्राेसेसिंग प्लांट के लिए 15 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। धनबाद जिला प्रशासन से इसके लिए गैर मजरुआ जमीन की मांग की गई है। क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक ने बताया कि रसायन उर्वरक व पेट्राेलियम मंत्रालय की प्रदूषण नियंत्रण के साथ कचरा का बेहतर उपयाेग की गाइडलाइन है। गेल गैस की सभी इकाई काे अपने कमांड एरिया में कचरा प्राेसेसिंग प्लांट लगाने का निर्देश दिया है। शर्त है कि गैर मजरुआ जमीन पर ही प्लांट लगाना है। रांची में भी गेल गैस कचरा प्राेसेसिंग प्लांट बना रही है। इसी तर्ज पर धनबाद में प्लांट निर्माण की याेजना है। कचरा प्रबंधन काे लेकर जाे फाॅर्मूला है, उससे धनबाद की लगभग 40-50 हजार आबादी काे सीधा फायदा हाेगा।
1000 किलो मिथेन गैस बनाने के लिए लगेंगे 20 टन गीले कचरे
गेल गैस क्षेत्रीय प्रबंधन का कहना है कि कचरा प्राेसेसिंग प्लांट लगाने काे लेकर धनबाद नगर निगम से भी बात हुई है। धनबाद निगम क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग 400 टन कचरा निकलता है। कचरा प्राेसेसिंग मानक के अनुसार 20 टन गीला कचरा से एक हजार किलाेग्राम मिथेन गैस निकलती है। इस हिसाब से प्राेसेसिंग प्लांट से प्रतिदिन 20 हजार किलाेग्राम घरेलू गैस तैयार हाेगी। यानी हर महीने जिले में 6 लाख किलाे घरेलू गैस तैयार हाे सकती है।
आपको बताते चले 400 टन गीला कचरा रोज निकलता है धनबाद नगर निगम क्षेत्र में। 20 हजार किलो घरेलू गैस रोज तैयार होगी 400 टन गीले कचरे से। 40 हजार घरों में हर माह डीपीएनजी की मिल सकेगी सुविधा। 120 लोग को प्रत्यक्ष नौकरी मिल सकेगी प्लांट स्थापना पर।
कचरा प्राेसेसिंग प्लांट लगने से क्या होगा फायदा ऐसे समझिए
1. घरेलू गैस…40 हजार घरों में पहुंचेगी सस्ती गैस : एक घरेलू एलपीजी सिलेंडर में 14.5 किलाे ईंधन रहता है। । प्राेसेसिंग प्लांट से हर महीने 6 लाख केजी घरेलू गैस तैयार हाेगी। अर्थात नगर निगम क्षेत्र की 40 हजार परिवाराें काे प्राेसेसिंग प्लांट से उत्पादित सस्ती घरेलू गैस मिल सकेगी।
2. राेजगार…प्लांट में 120 कर्मी, मजदूरों की भी जरूरत: प्राेसेसिंग प्लांट 24X7 माेड पर काम करेगा। तीनाें शिफ्ट में काम हाेगा। एक शिफ्ट में 40-45 लाेगाें की जरूरत पड़ेगी। इस हिसाब से तकनीकी और गैर तकनीकी ताैर पर 120 व्यक्तियाें काे राेजगार के अवसर मिलेंगे।
3. खेती…किसानों को कम कीमत पर उपयोगी खाद : कचरा प्राेसेसिंग प्लांट से तीन चीजाें का निर्माण हाेगा। मिथेन गैस, लिक्विड व अपशिष्ट से कंपाेज्ड खाद भी बनेगा। कंपाेज्ड खाद का उपयाेग जिले के किसान खेती-बारी में कर सकते हैं। यह खाद सस्ता और उपयेागी भी हाेगा।
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