नई दिल्ली। मणिपुर के मैतेई बहुल कांगपोकी जिले में मंगलवार रात हुए हमले में 9 लोगों की जान चली गई। 10 लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया कि रात करीब एक बजे कांगपोकी से सटे खामेलोक गांव और इंफाल पूर्वी जिले में हमला किया गया। हमलावर अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। मारे गए सभी लोग खामेलोक गांव के हैं।
इस घटना के अलावा मंगलवार को बिष्णुपुर जिले में भी मंगलवार को हिंसा हुई। यहां फौगाकचाओ इखाई गांव में कुकी समुदाय के लोग मैतेई इलाकों में बंकर बनाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान कुकी लोगों और सुरक्षा बलों के बीच फायरिंग हुई।
सोमवार रात भी खमेनलोक इलाके में गोलीबारी हुई थी, जिसमें 9 लोग घायल हुए थे। हिंसा के चलते राज्य में इंटरनेट पर 15 जून तक बैन बढ़ा दिया गया। कुछ इलाकों में कर्फ्यू में ढील भी दी गई है।
मणिपुर हिंसा को लेकर अमित शाह से मिलेंगे असम के सीएम
नॉर्थ-ईस्ट कोऑर्डिनेशन काउंसिल के प्रेसिडेंट और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा आज मणिपुर हिंसा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात करेंगे। सरमा शाह को मणिपुर के ताजा हालात की रिपोर्ट देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृहमंत्री ने सरमा को मणिपुर में हिंसा को कंट्रोल करने के लिए जरूरी कदमों का फ्रेमवर्क तैयार करने काम सौंपा था। सरमा 10 जून को मणिपुर गए थे, जहां उन्होंने राज्य के CM एन बीरेन सिंह और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी।
मैतेई लोगों पर हमले के लिए कुकी ड्रोन इस्तेमाल कर रहे
कुकी समुदाय के लोग मैतेई गांवों और जंगल में छिपे इस समुदाय के लोगों को तलाशने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह खुलासा बिष्णुपुर जिले के फोइगक्चाओ इखाई गांव में ग्रामीणों को ड्रोन मिलने से हुआ है। यह ड्रोन 8 जून को मिला था। ड्रोन में लगे कैमरे में मोइरांग और आसपास के इलाकों के वीडियो फुटेज कैद थे।
RAF के जवानों ने वाहनों और घरों के शीशे तोड़े
मणिपुर में एक बार फिर RAF के जवान सिंगजमेई युमनाम लीकाई और मोइरांगखोम में मंगलवार तड़के निजी वाहनों और रिहायशी घरों की खिड़कियों को तोड़ते हुए दिखे। इसका वीडियो सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार इन्होंने 10 वाहनों के शीशे और दो घरों की खिड़कियों के कांच तोड़े हैं। बताया जा रहा है कि RAF के ये जवान मंगलवार तड़के करीब 2:20 बजे सिंगाजामेई से मोइरांगखोम की ओर जा रहे थे तभी उन्होंने शीशे तोड़े।
हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत
मणिपुर में 3 मई के बाद से जारी हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 320 घायल हैं और 47 हजार से ज्यादा लोग 272 राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। वहीं, 10 जून को राज्य के 11 अफसरों का तबादला कर दिया गया। इनमें IAS और IPS अफसर शामिल हैं।
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह इस महीने की शुरुआत में 4 दिन के दौरे पर यहां आए थे। इस दौरान राज्य के DGP पी. डोंगल को हटा दिया गया था। उनकी जगह राजीव सिंह को कमान सौंपी गई है।
केंद्र सरकार ने गवर्नर की अध्यक्षता में शांति समिति बनाई
केंद्र सरकार ने 10 जून को मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं।
9 जून को फिर हिंसा हुई थी, 3 लोग मारे गए थे
9 जून को राजधानी इंफाल के पास कुकी बहुल खोकेन गांव में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई थी। मणिपुर पुलिस ने बताया था कि बीते 24 घंटों में मणिपुर के इंफाल ईस्ट, काकचिंग, टेंग्नौपाल और बिष्णुपुर जिलों में 57 हथियार, 1,588 गोला-बारूद और 23 बम बरामद किए गए हैं। हिंसा के बाद से अब तक राज्य में कुल 953 हथियार, 13,351 गोला बारूद और 223 बम बरामद किए गए हैं।
CBI ने 6 केस दर्ज किए, जांच के लिए SIT बनाई
उधर, 9 जून को ही CBI ने मणिपुर हिंसा के संबंध में 6 केस दर्ज किए। जांच के लिए SIT बनाई है, इसमें 10 सदस्य हैं। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने राज्य में 3 मई से लगे इंटरनेट बैन पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि मामला पहले से हाईकोर्ट में है। इस पर सुनवाई होने दें। याचिका एडवोकेट चोंगथम विक्टर सिंह और बिजनेसमैन मायेंगबाम जेम्स ने दायर की थी।
ये भी पढ़िए….