हजारीबाग : हजारीबाग सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत खजांची तालाब मोहल्ले में रहने वाले व्यवसायी सुनील कुमार गुप्ता की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई. घटना शनिवार की देर रात की है. पुलिस कस्टडी में व्यवसायी की मौत के बाद करीब पांच घंटे तक सदर थाने में बवाल होता रहा. शव के साथ मृतक के परिजनों और अन्य व्यवसायियों ने टायर जलाकर झंडा चौक पर पुलिस के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं व्यवसायी के परिजनों ने पुलिस पर सुनील कुमार गुप्ता की हत्या का आरोप लगाया. इधर पुलिस का कहना कि यह महज संयोग था कि व्यवसायी पुलिस कस्टडी में था और उसकी मौत हो गई. हालांकि इस मामले में सदर थाने के दो पुलिस पदाधकारियों एएसआई नसीम सिद्दीकी और सीमा हेम्ब्रम को सस्पेंड कर दिया गया है.
इससे पहले व्यवसायी सुनील गुप्ता की मौत की सूचना मिलने पर देर रात बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद भी थाने में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डटी रहीं. अंबा प्रसाद के सामने ही कई बार पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच कहासुनी भी होती रही. ऐसे में विधायक कई बार आक्रोशित लोगों को समझाती नजर आयीं. मृतक के दो बेटे और एक बेटी है.
रायपुर से वाशिंग पाउडर लेकर चला चालक-खलासी ट्रक समेत हो गया गायब
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर से एक ट्रक वाशिंग पाउडर लेकर रांची के लिए रवाना हुई थी. लेकिन रास्ते में ही ट्रक समेत ड्राइवर और खलासी गायब हो गए. इस मामले को लेकर कंपनी तहकीकात कर रही थी. कंपनी को पता चला कि सारा सामान हजारीबाग के बाजार मे खपाया गया है. कंपनी के लोग हजारीबाग सदर थाने में आकर इसकी शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच शुरू की गई.
पुलिस की कहानी में कितनी सच्चाई
पुलिस जांच में पता चला कि व्यवसायी सुनील कुमार गुप्ता ने चोरी के वाशिंग पाउडर को बाजार में बेचा है. सदर पुलिस ने उसे उसके घर से पूछताछ के लिए थाना चलने को कहा. इसी बीच हजारीबाग के गोला चौक में एक दुकान में भी पूछताछ की गई. दुकानदार ने बताया कि उनके पास जो वाशिंग पाउडर है, वह सुनील कुमार गुप्ता ने ही दिया है. पुलिस का कहना है कि इसी दौरान सुनील कुमार गुप्ता पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. पुलिस ने कुछ दूर तक उसका पीछा भी किया. लेकिन वह भागने में कामयाब रहा. इसी दौरान जब आरोपी को पकड़ने में पुलिस नाकामयाब रही, तो उसके बेटे सुमित को थाने में बैठा लिया गया. इसी दौरान हजारीबाग कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि एक व्यक्ति आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा है. सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उसने पाया कि एक घायल व्यक्ति को ऑटो में बैठाया जा रहा है. जब उस व्यक्ति को देखा गया, तो वह सुनील कुमार गुप्ता निकला. उसे सदर अस्पताल लाया गया और जब स्थिति बिगड़ती दिखी, तो उसे हजारीबाग के आरोग्यम अस्पताल बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया. वहीं उसकी मौत हो गई. मौत के बाद हंगामा शुरू हो गया.
पुलिस ने आनन-फानन में तैयार कर की पूरी स्क्रिप्ट
परिजनों का कहना है कि जब पुलिस ने सुनील कुमार गुप्ता को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई, तो यह उसकी जिम्मेवारी थी कि वह सही सलामत उसे थाना तक ले जाती. लेकिन ऐसा नहीं कर उसे रास्ते में ही टॉर्चर किया गया. थाने में लाकर पिटाई की गई. बाद में इस मामले की लीपापोती करने के लिए पूरा स्क्रिप्ट तैयार कर लिया. परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि जिस कंपनी की ओर से शिकायत की गई, उसकी प्राथमिकी दिखाई जाए. ऐसे में दो घंटे के बाद प्राथमिकी दिखाई गई. इस पर भी सवाल उठाया कि आखिर प्राथमिकी दिखाने में इतना विलंब क्यों हुआ. घटना के बाद व्यवसायी वर्ग में काफी आक्रोश है. देर रात तक कई व्यवसायी थाने में डटे रहे. दूसरी ओर परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था. मृतक की पत्नी माला गुप्ता ने पुलिस पर ही सवालिया निशान खड़ा किया और कहा कि बिना किसी कारण के पुलिस ने उसके पति की हत्या कर दी है. जब पुलिस उनके सामने पति को थाने ले जाने के लिए आयी थी, उस वक्त तक वह पूरी तरह स्वस्थ थे. अचानक आधा से एक घंटे के अंदर उनकी मौत कैसे हो गई.
विधायक अंबा प्रसाद ने व्यवस्था पर उठाए कई सवाल
देर रात लगभग 11:00 विधायक अंबा प्रसाद भी घटना की जानकारी लेने के लिए सदर थाना पहुंची और उन्होंने पूरे सिस्टम पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि आखिर कैसे एक व्यक्ति की संदेहास्पद स्थिति में पुलिस कस्टडी में मौत हो जाती है. अगर पुलिस किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए ले जाती है, तो उसकी जिम्मेदारी होती है कि उसे ठीक से रखें. लेकिन शिकायत पर जांच कर रही पुलिस के सामने से ही एक व्यक्ति फरार हो जाता है और फिर उसकी मौत हो जाती है. उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही डॉक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम कराने की मांग की है. विधायक ने इस पूरे घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की ताकि जांच प्रभावित नहीं हो.
आक्रोशित लोगों को समझाती रही पुलिस
देर रात तक घटना के बाद सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति, सीसीआर डीएसपी आरिफ इकराम, सदर इंस्पेक्टर गणेश कुमार, लोहसिंघना, कोर्रा और बड़ा बाजार के थाना प्रभारी भी परिजन एवं आक्रोशित लोगों को समझाते रहे. सदर इंस्पेक्टर गणेश कुमार ने जानकारी दी कि यह महज संयोग है कि कस्टडी में सुनील कुमार गुप्ता की मौत हो गई.
पूरे मामले की कराई जाएगी जांच : डीएसपी
सीसीआर डीएसपी आरिफ इकराम ने मृतक के परिजनों को आश्वस्त किया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. जो भी पुलिसकर्मी दोषी होंगे, उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस घटना से वे लोग भी काफी चिंतित हैं कि आखिर कैसे एक व्यक्ति की मौत गिरफ्तारी से पहले ही पूछताछ के लिए लाने से पूर्व ही हो गई. वहीं दूसरी ओर हजारीबाग एसपी मनोज रतन चोथे भी टेलीफोन लाइन से मामले की जानकारी लेते नजर आए. उन्होंने भी स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
सीडीएस शुभम अपार्टमेंट में सुनील ने हाल ही में ली थी फ्लैट
सुनील कुमार गुप्ता हजारीबाग के खजांची तालाब परिसर सीडीएस शुभम अपार्टमेंट में कमरा नंबर 202 में रहता था. कुछ दिन पहले ही सुनील ने फ्लैट की खरीदारी की थी.
यह वही बहुचर्चित सीडीएस शुभम अपार्टमेंट है, जहां माहेश्वरी परिवार के सभी छह लोगों की संदेहास्पद स्थिति में शव बरामद किया गया था. इस मामले को लेकर पिछले तीन साल से जांच चल रही है. सीआईडी इस पूरे मामले की जांच कर रही है. मामला अब तक अनसुलझा है. ऐसे में फिर से एक बार बहुचर्चित सीडीएस शुभम अपार्टमेंट सुर्खियों में है.
पुलिसिया मारपीट से हुई मौत : परिजन
मृतक सुनील कुमार गुप्ता के परिजनों ने नसीम सिद्दीकी पर हत्या का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि सुनील की गिरफ्तारी के लिए न तो वारंट निकला था और न ही मामला दर्ज हुआ था. फिर सुनील को घर से पुलिस ने कैसे उठा लिया. इस बीच पुलिसकर्मियों का यह कहा जाना कि वह छत से कूद गया, तो कभी यह कहा जाना कि कई दुकानों में पूछताछ करायी जा रही थी, उस बीच वह फरार हो गया. उसी क्रम में उसे चोट लगी. पुलिस खुद विरोधाभासी बयान से सवालों में घिर गई है.
पीड़ित परिवार से मिले सदर विधायक, शव का हुआ पोस्टमार्टम
व्यवसायी सुनील कुमार गुप्ता के परिजनों से रविवार को सदर विधायक मनीष जायसवाल ने मुलाकात की और उन्हें ढांढ़स बंधाया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी. उन्होंने इस संबंध में डीसी और एसपी से भी बात की. इधर मजिस्ट्रेट और कैमरे की निगाहबानी में हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में शव का पोस्टमार्टम कराया गया. इसके लिए विशेष मेडिकल टीम गठित की गई है.
कर्तव्य में लापरवाही के कारण दो एएसआई सस्पेंड
एसपी मनोज रतन चोथे ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के गाइडलाइन के अनुसार जांच कराई जा रही है. पुलिस अपने स्तर से भी विभागीय जांच कर रही है. वैसे भीड़ का फायदा उठाकर व्यवसायी पुलिस कस्टडी से फरार हुआ और उसके बाद घटना घट गई. हालांकि उसके बाद भी दो पुलिस पदाधिकारियों को इसलिए सस्पेंड किया गया है कि उनकी कस्टडी से व्यवसायी फरार कैसे हो गया. यह उनकी लापरवाही को दर्शाता है.
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