रामानुजगंज, अनिल गुप्ता: प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए एक से बढ़कर एक योजनाएं तैयार की है. जिसमे से एक है प्रधानमंत्री आवास योजना, इस योजना के तहत गरीबों को सपनों का घर प्रधानमंत्री ने दिया है और साथ ही यह पैसा लाभुक के सीधे खाते में जाए इसके लिए कई नियम लागु किए है. अभी तक तो हम सबको यही लगता होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो पैसा भेजते हैं आवास का हो या अन्य योजनाओं का वह सीधे गरीबों के खाते में मिलता है. परंतु शातिर लोग गरीबों का पैसा भी किस तरीके से गबन करते हैं यह मामला जनपद पंचायत रामानुजगंज के ग्राम नगरा के ग्रामसभा के दौरान देखने को मिला. एक ओर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री गरीब किसानों का ध्यान रखते हुए पूरे देश में एक से एक योजना ला रहे है. उनका यह दावा भी है कि पिछली सरकारों में जो गरीब को एक रुपए में 15 पैसे ही मिलता था आज उसे पूरा सौ पर्सेंट योजना का लाभ उनके खाते में जा रहा है, परंतु गरीब अनपढ़ किसान और मजदूर जो पढ़े-लिखे नहीं है कुछ शातिर रोजगार सहायक ग्रामवासियों का अंगूठा लगवाकर पैसा निकाल लेते हैं. इस मामले में हमारे संवादाता घूमते हुए जब विकासखंड रामानुजगंज के अंतर्गत गांव नगरा में पहुंचे तो वहां ग्रामसभा की बैठक चल रही थी. उस बैठक में ग्राम के किसान फूलचंद सिंह वार्ड क्रमांक 19 ग्रामसभा के दौरान सरपंच से यह मांग किया कि गांव में एक कानी हाउस सोना चाहिए क्योंकि हम लोगों का फसल मवेशी चर जाते हैं और हमारा पूरा नुकसान हो जाता है. इस बात पर बहस चल ही रहे थी कि सरपंच महेंद्र सिंह ने कहा जैसा ग्रामवासी चाहेंगे उसी तरीके से प्रस्ताव बनाया जाएगा.
इस संबंध में सरपंच ने बताया कि यही पास के जंगल में वन विभाग गौ ठाना बना रही है. अभी अधूरा है पूरा होते ही काफी हद तक यह समस्या खत्म हो जाएगी. इस दौरान महिलाओं ने ग्राम सहायक पर यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास का पहला किस्त 25000 आया था परंतु हमारा अंगूठा लगवा कर रोजगार सहायक ने 20,000 रूपए ही दिए बाकी का 5000 रुपया नहीं मिला, जो पैसा मिला था उस पैसे से हम लोगों ने इट गिरा दिया. अब एक पैसा भी नहीं है, अब आगे का काम कैसे करेंगे. हमलोग गरीब है पैसा होता तो खुद बनवा लेते, पैसा नहीं है तभी तो सरकार से आवास मांगे है. उस पर भी रोजगार सहायक पांच 5000 रूपए पता नहीं क्यों रख लिया है. रुपए रहेगा तभी तो काम करेंगे. ऊपर से शासन नोटिस भेज रही है. अब हम क्या करें खाने को लाले हैं. मकान कैसे बनाएं. हद तो तब हो जाती है जब ग्रामवासियों का पैसा 5000 काट दिए तो दिए मगर एक विधवा जिसका कोई सहारा नहीं है. उसका भी पैसा काट लिया. पता नहीं ऐसे पंचायत कर्मियों की मानवता कहां होती है. उनकी अंतरात्मा क्या कहती है. मगर ऐसे लोगों को सजा तो मिलनी चाहिए. इस संबंध में ग्राम पंचायत के सरपंच महेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे कार्यकाल में एक भी प्रधानमंत्री आवास की सुकृति नहीं हुई है. इससे पहले जो हुआ है वह पूरा गड़बड़ घोटाला हो गया है. कई बार जांच हुआ पर कार्रवाई नहीं हुई. जब हमारे प्रतिनिधि द्वारा यह पूछा गया कि गांव के कई लोग आपके रोजगार सहायक पर 5000 कम देने का आरोप लगा रहे हैं. वह भी आपके सामने तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कह रहे हैं तो जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए.
सरपंच हो तो ऐसा
महेंद्र सिंह इसके पूर्व भी एक बार सरपंच रह चुके हैं. यह उनकी दूसरी पारी है. इस तरीके से स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि गांव के प्रधानमंत्री आवास का पैसा गबन हुआ है. कई बार जांच हुआ पर सुनवाई नहीं हुई. अभी आपके सामने यह मुद्दा आया है. लाभुक को 5000 रूपए काट के मिले हैं. इसमें भी कार्रवाई होनी चाहिए. इन सबसे रोचक बात तो यह है कि सरपंच का दोनों पैर टूटा हुआ है. एक दुर्घटना में उन्हें गंभीर चोट आई थी और दोनों पैर टूट गया है. एक नहीं कई जगह से टूटा हुआ है, फिर भी ग्रामसभा में ग्रामवासियों की समस्या सुनने चले आय और समस्या सुनकर प्रस्ताव भी बना रहे हैं.
होगी कार्रवाई: मुख्य कार्यपालन अधिकारी
इस संबंध में जब रामानुजगंज जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरेश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा वहां पहले से यह मुद्दा बना हुआ है. कई बार जांच हो चुकी है, पर इस बार आपने भी मुद्दा उठाया है. वह हटके है भरे ग्रामसभा में इस तरह का आरोप लगाया जाता है. इस मामले में हम गंभीरतापूर्वक जांच करेंगे और जांच के बाद दोषी पाए जाने के पश्चात कठोर कार्रवाई करेंगे.
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