लखनऊ। ठंड का प्रकोप बढ़ने से सब्जी की खेती प्रभावित हो रही है। कई जगह गेहूं पर भी असर आने लगा है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गयी है। हरी मिर्च के फूल भी प्रभावित हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस समय आलू की खेत की नमी बनाये रखना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही पाला से बचाने के लिए दवाओं का छिड़काव पहले ही करते रहना चाहिए।
इस संबंध में सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डा. राजेश राय का कहना है कि हरी मिर्च पर ठंड का असर पड़ सकता है। कई जगह इससे प्रभावित भी दिख रहे हैं। इसके लिए किसानों को सल्फर का छिड़काव करना चाहिए। खेत में नमी की कमी न हो, इसका ध्यान देना भी जरूरी है। इसके साथ ही यह भी ध्यान देना जरूरी है कि कहीं पानी ज्यादा न हो जाय। सल्फर के दस दिन बाद मैंकोजेब का स्प्रे करना ठीक रहता है।
वहीं उद्यान विभाग के उपनिदेशक अनीस श्रीवास्तव का कहना है कि आलू को पाले से बचाना बहुत जरूरी है। इससे बचाव के लिए खेत की नमी बराबर बनी रहनी चाहिए। उसके आस-पास आग जलाने की व्यवस्था हो तो बेहतर होगा। कंडा की राख मिले तो जमीन में दें वह फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें फास्फोरस की मात्रा होती है। झुलसा से बचाने के लिए करमंडा जिम का छिड़काव किया जाता है। वैसे हर फसल की नमी को बनाये रखना जरूरी है।
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