नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दोपहर साढ़े 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन वंदे भारत रेलगाड़ियों को रवाना करेंगे। प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करते हुए अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस तीन मार्गों मेरठ-लखनऊ, मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल पर कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर यह जानकारी भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की विज्ञप्ति में दी गई है।
पीआईबी के अनुसार, यह वंदे भारत रेलगाड़ियां वर्तमान में तीव्र गति से चल रही गाड़ियों की तुलना में यात्रा समय को कम करेंगी। मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत से लगभग एक घंटा, चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत से दो घंटे और मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत से यात्रा समय में डेढ़ घंटे की बचत होगी। साथ ही यह नई वंदे भारत रेलगाड़ियां क्षेत्र के लोगों को तीव्रगति और सुविधा के साथ यात्रा करने के लिए विश्वस्तरीय सेवा प्रदान करेंगी और तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के लोगों की लंबी समय से चल रही मांग को पूरा करेंगी। इन वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की शुरुआत नियमित यात्रियों, पेशेवर, व्यापारियों और छात्र समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेल सेवा के एक नए मानक का शुभारंभ करेगी।
न्यायपालिकाः इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी आज नई दिल्ली में जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। समारोह का आयोजन सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। शीर्ष न्यायालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे। उद्घाटन समारोह में कानून एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सितंबर को समापन भाषण देंगी और सुप्रीम कोर्ट के ध्वज और प्रतीक चिह्न का अनावरण भी करेंगी।
बताया गया है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश के मार्गदर्शन में ‘जिला न्यायपालिका पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ में दो दिनों तक आयोजित किए जाने वाले छह सत्र शामिल होंगे। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिला न्यायपालिका के 800 से अधिक प्रतिभागी इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में भाग लेंगे। ‘बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन’ पर होने वाले सत्र का उद्देश्य जिला न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे और मानव पूंजी को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना है। आयोजन के दूसरे दिन ‘केस मैनेजमेंट’ पर एक सत्र आयोजित किया जाएगा। इसमें लंबित मुकदमों में कमी के लिए रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
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