रांची: जमीन घोटाला मामले में सोमवार को आइएएस छवि रंजन को ईडी के हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचने को कहा गया है. ईडी की ओर से तीसरा समन जारी कर यह आदेश दिया गया है. इससे पहले छवि रंजन को ईडी ने दो समन जारी किया था. ईडी ने सोमवार को दिन के 11 बजे क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचने को कहा है. ईडी सूत्रों की मानें तो अगर इस बार छवि रंजन हाजिरी नहीं लगाते हैं तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
इससे पहले ईडी ने उन्हें 17 अप्रैल को समन जारी कर 21 अप्रैल को ईडी क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचने को कहा था, पर वे नहीं पहुंचे. उन्होंने अपने वकील के माध्यम से दो हफ्ते का समय मांगा. इस पर ईडी ने उसी दिन दोबारा समन जारी कर शाम चार बजे तक ऑफिस आने को कहा था. इसके बाद भी वे हाजिर नहीं हुए. क्षेत्रीय कार्यालय नहीं पहुंचने पर ईडी ने तीसरा समन जारी किया और 24 अप्रैल को दफ्तर पहुंचने को कहा है.
21 अप्रैल को ईडी के समक्ष हाजिर नहीं होने की वजह पितृत्व अवकाश बताया गया था। सूत्रों की मानें तो ईडी की नोटिस से पहले वे सरकार से पितृत्व अवकाश का आवेदन दिया था. सरकार से उन्हें पहले ही 17 अप्रैल से लेकर 1 मई तक ‘पितृत्व अवकाश’ की छुट्टी मिल चुकी थी. इसलिये उन्होंने आवेदन देकर मई के पहले हफ्ते के बाद का वक्त देने का निवेदन किया था. हालांकि ईडी के अधिकारियों ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया.
13 अप्रैल को 21 ठिकानों में ईडी ने मारा था छापा
आपको बताते चले कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार 13 अप्रैल को सरकारी जमीन की हेराफेरी के मामले में आईएएस अधिकारी छवि रंजन, अंचल अधिकारी मनोज कुमार सहित जमीन के कारोबार से जुड़े 18 लोगों के कुल 21 ठिकानों पर छापा मारा. छापामारी के दायरे में झारखंड के 18, बिहार के एक और पश्चिम बंगाल के दो ठिकानों को शामिल किया गया है. छवि रंजन फिलहाल समाज कल्याण निदेशक के पद पर पदस्थापित हैं.
जमीन घोटाला मामले में सात लोगों से ईडी कर रही पूछताछ
छवि रंजन से पहले इसी लैंड स्कैम मामले में ईडी सात लोगों को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है. ईडी जिन लोगों से पूछताछ कर रही है, उनमें प्रदीप बागची, बड़गाई अंचल के सीआई भानु प्रताप प्रसाद, अफसर अली, इम्तियाज अहमद, तलहा खान, फैयाज खान और सद्दाम हुसैन के नाम शामिल हैं. लैंड स्कैम मामले में भाजपा नेता बाबुलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आड़े हाथों लेते हुए आइएएस अधिकारी छवि रंजन को नौकरी से बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजने की बात कही है.
जानिए क्या है आर्मी लैंड स्कैम
दरअसल जिस मामले को लेकर ईडी ने छापेमारी की वह आर्मी लैंड स्कैम है. इस स्कैम का आरोपी प्रदीप बागची है. बागची ने ही सेना की जमीन की खरीद बिक्री के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किया था. प्रदीप बागची के पूर्वज प्रफुल्ल बागची ने वर्ष 1932 में सेल डीड संख्या 4369 के सहारे खतियानी रैयत प्रमोद दास गुप्ता से यह जमीन खरीदी थी. फर्जी तरीके से तैयार किये गये इस सेल डीड की रजिस्ट्री पश्चिम बंगाल में दिखायी गयी थी. जबकि 1932 में पश्चिम बंगाल राज्य का गठन ही नहीं हुआ था. पश्चिम बंगाल राज्य का गठन देश के विभाजन के बाद हुआ. इडी ने इस फर्जी सेल डीड को कब्जे में ले लिया है.
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