New Delhi: सितंबर 2022 से कई बैंक्स ने कार्ड इश्यू करने के चार्ज और उसकी एनुअल फीस बढ़ाने का फैसला लिया है. क्योंकि कार्ड में इस्तेमाल किए जाने वाले सेमीकंडक्टर्स और की लागत बढ़ गई है… जानें सितंबर में आपको फाइनेंस की किन बातों पर ध्यान देना होगा…
1. टैक्स पेयर्स के पास अब रिटर्न वेरिफाई करने के लिए 30 दिन
टैक्स रिटर्न की पुष्टि कर आप यह कंफर्म करते हैं कि रिटर्न फॉर्म में आपने जो जानकारी भरी है, वह पूरी तरह सही है और आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार है. जानकारी के मुताबिक, 31 जुलाई के बाद रिटर्न वेरिफिकेशन की टाइम लिमिट को 120 दिनों से घटाकर 30 दिन कर दिया गया है.
यानी, अगर आपने 5 अगस्त को रिटर्न फाइल किया है तो 4 सितंबर तक उसे वेरिफाई करना जरूरी है. 30 दिन की वेरिफिकेशन विंडो रिटर्न फाइल करने के दिन से शुरू हो जाती है. हालांकि, जिन्होंने 31 जुलाई से पहले ही टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया था, उनके लिए अभी भी वेरिफिकेशन विंडो 120 दिन की ही है. वहीं, अगर आपने निर्धारित समय के बाद रिटर्न वेरिफाई किया है, तो आपको जुर्माना देना पड़ेगा.
आप चाहें तो ऑफलाइन वेरिफिकेशन भी कर सकते हैं, लेकिन आधार कार्ड के जिए ई-वेरिफिकेशन करना ज्यादा आसान होगा.
2. सुरक्षित लेनदेन के लिए अपने कार्ड को टोकनाइज करें
इस सितंबर अपने सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा को टोकन में कनवर्ट कर लें. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, टोकनाइजेशन का नियम 1 अक्टूबर को लागू किया जाएगा. इसके तहत, कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट आपके कार्ड नंबर, सीवीवी और एक्सपायरी डेट के बारे में जानकारी नहीं ले सकेगी. इसके लिए कार्ड यूजर को पेमेंट गेटवे पर टोकन सेव करना होगा और भविष्य में इस्तेमाल के लिए इसी टोकन का प्रयोग किया जा सकेगा.
क्या होगा यह टोकन
1 अक्टूबर से लागू होने वाला यह नियम आपके लिए फायदेमंद होगा. क्योंकि, यह टोकन आपके कार्ड की डिटेल्स को छुपाकर रखेगा. ऐसे में अगर वेबसाइट पर डेटा लीक की कोई घटना होती है तो, आपकी कार्ड डिटेल्स का गलत इस्तेमाल नहीं हो सकेगा.
1 सितंबर से बदले फिस्कल मैप भी
3. नेशनल पेंशन सिस्टम में शुल्क बढ़े
जब भी आप नेशनल पेंशन सिस्टम में कंट्रीब्यूट करते हैं, कुछ यूनिट्स को रद्द करने पर कमीशन कटता है. अब 1 सितंबर से एनपीएस के तहत डायरेक्ट-रेमिट मोड के माध्यम से किए गए योगदान पर ट्रेल कमीशन को बढ़ाया गया है. यह कमीशन 0.10 प्रतिशत से बढ़कर 0.20 प्रतिशत किया गया है.
यह शुल्क वृद्धि केवल डायरेक्ट-रेमिट मोड के तहत निवेश के लिए लागू होती है. इसमें अगर निवेश सुबह 9.30 बजे तक मिल जाए तो एनपीएस में नियमित निवेश के तहत दो-तीन दिनों के गैप के बजाय उसी दिन नेट ऐसेट वैल्यू ऑफर की जाती है. ऐसे में ट्रेल कमीशन के तौर पर 15 से 10 हजार डिडक्ट किए जाते हैं.
उदाहरण के तौर पर अगर 3 सितंबर की सुबह 9.30 बजे से पहले आप एनपीएस में डायरेक्ट-रेमिट मोड के तहत 50 हजार रुपये का निवेश करें, तो 50 रुपये की जगह आपके 100 रुपये कमीशन डिडक्ट किए जाएंगे. ये कमीशन बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंशयल कंपनी या बाकी वित्तीय संस्थाओं को दिए जाएंगे, जिन्होंने आपको एनपीएस में निवेश के लिए मदद की होगी.
4. डेबिट कार्ड इश्यू करने के चार्ज और उसकी एनुअल फीस बढ़ाने पर फैसला
सितंबर से ही, कई बैंकों ने कार्ड इश्यू करने के चार्ज और उसकी एनुअल फीस बढ़ाने का ऐलान किया है. यह इसलिए क्योंकि कार्ड में इस्तेमाल की जाने वाले सेमीकंडक्टर्स और बाकी इनपुट की लागत बढ़ गई है.
5. अटल पेंशन योजना पाने का आखिरी मौका
18-40 साल की उम्र तक के इनकम टैक्स पेयर्स के लिए 30 सितंबर 2022 अटल पेंशन योजना पाने का आखिरी मौका है. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से मैनेज की जाने वाली पेंशन स्कीम असंगठित श्रमिकों के लिए हर महीने 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की मिनिमम गारंटी पेंशन प्रदान करती है. इसे 2015 में स्वावलंबन योजना के रूप में कम आय वाले लोगों के लिए लॉन्च किया गया था.