नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान ने आज नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से अपनी हिरासत में नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची आदान-प्रदान की है। कॉन्सुलर एक्सेस पर 2008 के समझौते के प्रावधानों के तहत हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को इन सूचियों का आदान प्रदान किया जाता है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत ने अपनी हिरासत में बंद 337 नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों की सूची साझा की है, जो पाकिस्तानी हैं या पाकिस्तानी माने जाते हैं। इसी तरह पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में मौजूद 47 नागरिक कैदियों और 184 मछुआरों की सूची साझा की है, जो भारतीय हैं या माना जाता है कि वे भारतीय हैं।
भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों को उनकी नौकाओं सहित शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी का आह्वान किया है। इस संदर्भ में पाकिस्तान को उन 184 भारतीय मछुआरों की रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने के लिए कहा गया, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। इसके अलावा पाकिस्तान से कहा गया है कि वह पाकिस्तान की हिरासत में मौजूद शेष 12 नागरिक कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान करे, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं।
पाकिस्तान से सभी भारतीय और भारतीय माने जाने वाले नागरिक कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है, जब तक कि उनकी रिहाई और भारत वापसी नहीं हो जाती।
मंत्रालय के अनुसार भारत एक-दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों से संबंधित मामलों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप 2014 से 2639 भारतीय मछुआरों और 67 भारतीय नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। इसमें 478 भारतीय मछुआरे और 09 भारतीय नागरिक कैदी शामिल हैं, जिन्हें 2023 में पाकिस्तान से वापस लाया गया था।
इस संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह मछुआरों सहित 65 पाकिस्तानी कैदियों की राष्ट्रीयता की स्थिति की पुष्टि करने के लिए अपने स्तर पर आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाए, जिनकी स्वदेश वापसी पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि के अभाव में लंबित है।
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