पलामू। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) के भौतिक सत्यापन के बाद बोकारो में मिले 11 हजार 200 फर्जी आवेदनों में से 95 एक ही खाता नंबर पर पलामू जिले से भरे गए थे।
मामला सामने आने के बाद जांच तेज कर दी गयी है। पलामू जिले के मेदिनीनगर के कुुंड मुहल्ला में सुमित प्रज्ञा केन्द्र के आइडी से सारे आवेदन भरे गए थे। मामला सामने आने पर गुरूवार सुबह सीएससी वीएलई की आइडी (संख्या 542316220013) बंद कर दी गई। बोकारो जिला प्रशासन ने मामले में खाताधारकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
95 आवेदनों के सत्यापन के क्रम में यह स्पष्ट हुआ है कि बैंक खाता संख्या 100253387047 है, जिसके खाताधारक का नाम यूसुफ है। उसका पता ग्राम पतागोड़ा, बड़ाखांती, उतरदिनाजपुर पश्चिम बंगाल है। इस खाता का इस्तेमाल 95 बार अलग अलग नाम से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन में किया गया है। इस दौरान दर्ज राशन कार्ड की संख्या भी फर्जी अंकित है। वहीं सभी नामों के उपनाम में किस्कू, हांसदा और मुर्मू शब्द जोड़ा गया है। 21 नवंबर 2024 को एक ही साथ कई बार आवेदन किया गया है।
सीएससी वीएलई सुमित कुमार ने गुरुवार को इस सिलसिले में अपनी सफाई दी एवं निष्पक्ष जांच की मांग की। सुमित ने कहा कि आज सुबह इस तरह की खबर देखने को मिली। सुमित ने कहा कि वह अपना यूट्यूब चैनल भी चलाता है। मंईयां योजना को लेकर न्यूज़ चलाया था। न्यूज़ देखकर कई लोगों ने अपनी परेशानी बताते हुए उससे आवेदन भरने के लिए सीएससी का आईडी पासवर्ड मांगा था। उसने इंसानियत के नाते उन्हें आईडी पासवर्ड दिया था। सुमित ने आशंका जताई कि जिन्होंने उससे आईडी पासवर्ड लिए, उनके द्वारा ही डुप्लीकेट आवेदन ऑनलाइन किए गए। सुमित ने जांच के दौरान आईपी ऐड्रेस का पता लगाने का आग्रह किया है, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।
इस मामले में प्रजा केन्द्र से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि किसी सीएससी वीएलई को अपना आइडी-पासवर्ड दूसरे को देना गलत है। जिला से इसमें कोड मिलता है। दूसरे जिले में इस्तेमाल होना तो भारी अनियमितता है। अंजान ऑपरेटर को देने के बाद अगर कोई गलत कार्य होता है तो सीधे तौर पर आइडी-पासवर्ड वाला सीएससी वीएलई दोषी माना जाएगा। अगर सीएससी वीएलई सुमित कुमार पर कार्रवाई होती है तो इसमें कोई गलत एक्शन नहीं माना जाएगा।
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