बलरामपुर, विष्णु पांडेय। जिले के बहुचर्चित राजेश ज्वैलर्स डकैती कांड में जिला एवं सत्र न्यायालय रामानुजगंज ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पांच आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ की अदालत ने आरोपितों को दोषी पाते हुए प्रत्येक पर पचास-पचास हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। न्यायालय के इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश गया है कि अपराधी कितना भी संगठित या प्रभावशाली क्यों न हो, कानून से बड़ा कोई नहीं।
लोक अभियोजक अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि यह मामला 11 सितंबर 2024 का है, जब दोपहर करीब डेढ़ बजे रामानुजगंज स्थित राजेश ज्वैलर्स दुकान में नकाबपोश अपराधियों ने हथियारों के बल पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था और फरार हो गए थे। पीड़ित स्वर्णकार राजेश सोनी की रिपोर्ट पर रामानुजगंज थाना में अपराध क्रमांक 176/24 दर्ज किया गया, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 309, 310, 312 तथा 25 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध हुआ।

पुलिस जांच में इस संगठित डकैती में कुल दस आरोपितों की संलिप्तता पाई गई। इनमें से आठ आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। लम्बी न्यायिक प्रक्रिया के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ ने आरोपित आनंद सोनी उर्फ सोनू सोनी, मोनू सोनी, राहुल मेहता, अरविंद कुमार और अंजली एक्का को धारा 310 (6) बीएनएस के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा और पचास-पचास हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
लोक अभियोजक ने बताया कि आरोपिता अंजलि एक्का को पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार किया था। जांच में यह तथ्य सामने आया कि मुख्य आरोपित मोनू सोनी ने लूट की रकम का एक हिस्सा अंजलि एक्का के बैंक खाते में ट्रांसफर किया था। न्यायालय में वह यह साबित करने में असफल रही कि यह रकम उसकी स्वयं की थी, जिसके बाद उसकी संलिप्तता सिद्ध हो गई और उसे भी दोषी पाया गया।
इस घटना में लगभग सात लाख रुपये नकद, पांच किलो सोना और सात किलो चांदी के जेवरात की लूट की गई थी। लोक अभियोजक गुप्ता ने कहा कि यह फैसला अपराधियों के लिए चेतावनी है कि न्याय से बचना असंभव है। इस निर्णय से समाज में यह सशक्त संदेश गया है कि अपराध चाहे कितना भी योजनाबद्ध क्यों न हो, कानून का शिकंजा अंततः कसता ही है।
पीड़ित और राजेश ज्वैलर्स के संचालक राजेश सोनी ने सत्र न्यायालय के निर्णय पर संतोष जताते हुए कहा कि न्यायाधीश हेमंत सराफ के न्यायपूर्ण फैसले से न केवल उन्हें न्याय मिला है बल्कि पूरे व्यापारिक समुदाय और आम नागरिकों में विश्वास की भावना मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि आज न्याय की जीत हुई है और यह फैसला अपराधियों के लिए नसीहत बनेगा।
उल्लेखनीय है कि, रामानुजगंज डकैती प्रकरण में सुनाया गया यह फैसला न्यायपालिका की निष्पक्षता और कानून के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है। इस सजा ने यह साबित कर दिया है कि अपराध कितना भी बड़ा हो, न्याय की प्रक्रिया अंततः अपराधियों को उनके अंजाम तक अवश्य पहुंचाती है।
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