नई दिल्ली। केरल हाईकोर्ट ने फिल्म द केरल स्टोरी की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म के ट्रेलर में किसी विशेष समुदाय के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. कोर्ट ने आदेश जारी करने से पहले फिल्म का ट्रेलर देखा. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस फिल्म में इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ कुछ भी नहीं है. बल्कि इराक और सीरिया के बारे में दिखाया गया है. इस फिल्म में मुस्लिम धर्म पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है. बल्कि आईआसआईएस की कहानी दिखाई गई है.
इसके अलावा कोर्ट ने ये भी कहा कि अनेक फ़िल्मों में हिंदू सन्यासी को स्मगलर और बलात्कारी के रूप में दिखाया गया, लेकिन कुछ विरोध नहीं हुआ, ऐसी कई हिन्दी और मलयालम फ़िल्में हैं. बता दें कि द केरल स्टोरी आज ही सिनेमा हॉल में रिलीज हुई है. हालांकि फिल्म के निर्माता ने कोर्ट को भरोसा दिया है कि ‘केरल की 32,000 से अधिक महिलाओं को ISIS में भर्ती होने का दावा’ करने वाले विवादास्पद टीजर सोशल मीडिया से हटाया जाएगा.
बता दें कि आज ‘द केरला स्टोरी’ देशभर में रिलीज हो गई. फिल्म में उन लड़कियों की कहानी है, जो नर्स बनना चाहती थीं. लेकिन ISIS की आतंकी बन गई. इस फिल्म को लेकर विवाद भी हो रहा है. कुछ लोग फिल्म को बैन करने की मांग भी कर रहे हैं. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मांग को खारिज करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था. इसके बाद हाईकोर्च में कुल 5 याचिकाएं दाखिल की गई थीं.
बता दें कि सेंसर बोर्ड ने भी इस फिल्म के कुछ सीन पर कैंची चलाया था. सेंसर बोर्ड ने द केरला स्टोरी को ए सर्टिफिकेट दिया था. इसके साथ ही फिल्म से कुल 10 विवादित सीन भी हटवा दिये थे. द केरला स्टोरी से केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन का वो बयान हटाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दो दशकों में केरल मुस्लिम आबादी वाला राज्य बन जाएगा. क्योंकि युवाओं को इस्लाम के लिए प्रभावित किया जा रहा है.
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