हजारीबाग : दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की हजारीबाग परियोजना में सात जनवरी तक चलने वाला उच्च स्तरीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार को शुरू हो गया. इसका उद्घाटन डीवीसी भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक सह परियोजना प्रधान संजय कुमार, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार और पुनर्वास एवं भू-अर्जन के निदेशक राजेश पाठक ने किया. मौके पर नवीन कुमार प्रजापति सलाहकार-सह-केन्द्र प्रभारी, केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, कोलकाता भी मौजूद थे.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के तत्वावधान में पांच दिनों तक किया जाएगा. इसके माध्यम से दामोदर घाटी निगम के 25 से ज्यादा नामित अधिकारी एवं कर्मचारीगण तकनीकी रूप से और भी सशक्त माध्यम से राजभाषा हिंदी में काम करने में सक्षम होंगे. मुख्य वक्ता और इस प्रशिक्षण के संचालक नवीन कुमार प्रजापति ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया की आबादी लगभग 800 करोड़ है और इसमें हर आठवां व्यक्ति हिंदी बोलने वाला है, जो हिंदी की महत्ता को दर्शाता है और यह हमारी पहचान को भी अभिव्यक्त करता है. नि:संदेह हिंदी भाषा आपकी, हमारी और हम सब की पहचान है. सबसे महत्वपूर्ण उन्होंने जो बात कही कि देश भर में जितने भी धार्मिक आंदोलन और राष्ट्रीय आंदोलन हुए हैं, सुदूर दक्षिण से उत्तर और पूर्व से पश्चिम सभी की मुख्य अभिव्यक्ति का माध्यम हिंदी ही रही है.
निदेशकव परियोजना प्रधान संजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि लगातार आयोजित होने इन सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों से हमारी परियोजना के कार्मिकों की कार्यक्षमता में न केवल बढ़ोतरी हुई है, वरन् उनकी कार्य गुणवत्ता में भी काफी सुधार आया है. राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में डीवीसी हजारीबाग को राष्ट्रीय पहचान मिली है, इसके लिए उन्होंने सभी कार्मिकों, हिन्दी विभाग से जुड़े कार्मिकों और मंत्रालय का विशेष आभार जताया. इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से राहुल रंजन, आरएल प्रसाद, बिनोद बिहारी, प्रशांत कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, अनिल कुमार मिश्रा, शंकर कुमार झा, कृष्णा सरकार, एसएफ गनी, आशा देवी, संजय ठाकुर, गंगाधन महतो, शंकर सिंह, मनोहर पांडेय, अरविंद कुमार, सुनील कुमार, धीरज कुमार, अवधेश कुमार मौर्या, एनके पटेल आदि भाग ले रहे हैं.
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