हरिद्वार। भगवान भास्कर से दक्षिण से उत्तर में आने का पर्व मकर संक्रांति स्नान पर्व को लेकर इस बार भी भ्रम की स्थिति रही। भ्रम के बीच आज भी लोगों ने मकर संक्रांति पर्व मनाते हुए गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। लोगों ने गंगा स्नान कर दान-पुण्य आदि कर्म किए। खाकर गर्म वस्त्र, तिल व तिल से बने पदार्थ दान कर सुख-समृद्धि की कामना की। कुछ लोग सोमवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाएंगे। योग के हिसाब से भी मकर संक्राति का पर्व सोमवार को ही पड़ रहा है।
इस बार भी मकर संक्रांति पर्व को को लेकर लोगों में भ्रम बना रहा। हालांकि मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही पड़ती है, लेकिन इस बार यह पर्व 15 जनवरी पड़ रहा है। इस बार संक्रांति का आगमन 14-15 की मध्य रात्रि में होने से मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इसी के साथ ही सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे।
ज्योतिष के मुताबिक 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर 77 सालों के बाद वरीयान योग बन रहा है। इसके साथ ही रवि योग का संयोग इसे बेहद खास बना रहा है। मकर संक्रांति पर पूरे दिन वरीयान योग रहेगा। वरीयान योग की शुरुआत 14 जनवरी को मध्यरात्रि में 2.40 बजे से होगी और यह योग 15 जनवरी की रात 11.10 बजे तक रहेगा। यह खास वरीयान योग 77 साल बाद बन रहा है। रवि और वरीयान योग के कारण इस महापर्व का महत्व अधिक बढ़ जाएगा। इसके साथ ही पांच साल के बाद मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को पड़ेगा।
हालांकि आज भी लोगों ने मकर संक्रांति पर्व मनाते हुए गंगा स्नान किया। देश के कई प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने भी गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। गंगा स्नान के लिए अलसुबह से ही गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था। ठंड के बाद भी दिन भर स्नान का क्रम चलता रहा। स्नान पर्व को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।
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