रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया है। सात घंटे चली पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में ले लिया। ईडी अधिकारियों के साथ ही वह राजभवन पहुंचे और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। इससे पहले दोपहर के 1.18 बजे ईडी की टीम कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंची थी।
दस वाहनों से सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के साथ ईडी के अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे।हालांकि ईडी के अधिकारियों की तीन गाड़ियां अंदर गयी थी। बाकी गाड़ियों में सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के जवान थे, जिन्हें बाहर ही रोक दिया गया था। पिछली बार की तरह इस बार भी ईडी की टीम हाई टेक्नोलॉजी गैजेट्स से लैस होकर मुख्यमंत्री आवास पहुंची थी। ईडी की टीम की तरफ से आये लोग वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर रहे थे। मुख्यमंत्री आवास में पहुंचने के बाद ईडी के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से पूछताछ शुरू कर दी थी।
20 जनवरी को मुख्यमंत्री से ईडी ने सात घंटे की थी पूछताछ
इससे पहले बीते 20 जनवरी को सीएम से ईडी ने उनके आवास पर सात घंटे तक पूछताछ की थी, जिसके बाद ईडी ने 25 जनवरी दोबारा पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को 27 से 31 जनवरी तक बयान दर्ज कराने को कहा था। इसके बाद सीएम ने 25 जनवरी को ईडी को अप्रत्यक्ष रूप से पूछताछ के लिए समय देने से इनकार कर दिया था। फिर 29 जनवरी को मुख्यमंत्री ने ईडी को पत्र लिखकर ईडी पर राजनीति से प्रेरित होकर चुनी हुई सरकार को काम करने से रोकने का आरोप लगाया था।
हेमंत सोरेन 20 जनवरी को ईडी द्वारा पूछे गये सवालों को तथ्यों से परे और गलत करार दिया था। साथ ही बजट सत्र की व्यस्तता के बावजूद 31 जनवरी को अपने आवास पर ही बयान दर्ज कराने पर सहमति देते हुए ईडी को ई-मेल भेजा था। अपनी आपत्तियों के साथ ही मुख्यमंत्री ने बयान दर्ज कराने के लिए ईडी को 31 जनवरी को दोपहर एक बजे अपने आवास पर बुलाया था।
मुख्यमंत्री ने एसटी-एससी थाना में ईडी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराया मामला
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के अधिकारी कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार समेत अन्य के खिलाफ बुधवार को एसटी एससी थाना में मामला दर्ज कराया है। एसटी-एससी थाना कांड संख्या 06/24 दर्ज किया गया है। दर्ज कराए गए मामले में कहा गया है कि जब मैं रांची आया तो मैंने 30 जनवरी को इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी सर्च करने वाले इन अधिकारियों की करतूत देखी। मुझे और मेरे पूरे समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के लिए झारखंड भवन, नई दिल्ली और 5/01, शांति निकेतन, नई दिल्ली में ऑपरेशन किया गया।
मीडिया में स्थानीय कवरेज, जैसा कि नीचे बताया गया है, अनुसूचित जनजाति के सदस्य के रूप में मेरे खिलाफ बनाई गई है। 27 और 28 जनवरी 2024 को, मैंने नई दिल्ली का दौरा किया और शांति निकेतन जिसे झारखंड राज्य द्वारा आवास एवं कार्यालय उपयोग के लिए पट्टे पर लिया गया है, वहां रुका। 29 जनवरी 2024 को, मुझे पता चला कि ईडी के अधिकारियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उस परिसर में कथित तलाशी ली थी। यह कथित तलाशी मुझे बिना किसी सूचना के ली गई थी।
मुख्यमंत्री को कब-कब किया समन और कब पेश होने को कहा
-पहला समन : 8 अगस्त को भेजा गया और 14 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश था
-दूसरा समन : 19 अगस्त को भेजा गया और 24 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश था
-तीसरा समन : 1 सितंबर को भेजा गया और 9 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश था
-चौथा समन : 17 सितंबर को भेजा गया और 23 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश था
-पांचवा समन : 26 सितंबर को भेजा और 4 अक्टूबर को हाजिर होने का निर्देश था
-छठा समन : 11 दिसंबर को भेजा गया और 12 दिसंबर को हाजिर होने का निर्देश था
-सातवां समन : 29 दिसंबर को भेजा गया, पूछताछ के लिए समय और जगह खुद तय करने को कहा गया
-आठवां समन : 13 जनवरी को भेजा गया और 16-20 जनवरी तक बयान दर्ज कराने का समय दिया
-20 जनवरी : जमीन घोटाले मामले में मुख्यमंत्री से पहली बार पूछताछ
-नौवां समन : 25 जनवरी को भेजा पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी समय दिया गया
-दसवां समन : 27 जनवरी को भेजा गया, बयान दर्ज कराने के लिए 29-31 जनवरी तक का समय दिया
-29 जनवरी : दिल्ली स्थित उनके आवास पर ईडी की टीम पहुंची
-30 जनवरी : दिल्ली से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचे रांची
-31 जनवरी : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने ईडी की टीम पहुंची मुख्यमंत्री आवास
-31 जनवरी : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने के बाद ईडी ने मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया
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