हजारीबाग। करीब चार दशक तक पत्रकारिता को नई दिशा देने वाले विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग से कामर्स संकाय से सेवानिवृत्त प्राध्यापक डा.शैलेश शर्मा (66 वर्ष) नहीं रहे। उन्होंने मेदांता अस्पताल नई दिल्ली में 18 जनवरी की अहले सुबह करीब तीन बजे आखिरी सांस ली। कुछ दिनों पहले उन्हें रीढ़ की हड्डी में कैंसर डिटेक्ट हुआ था। उनके दो पुत्र, एक पुत्री और पत्नी गीता शर्मा समेत भरा-पूरा परिवार है। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में ही किया गया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी मृदुभाषी और अतिसौम्य डा.शर्मा की कर्मभूमि जीवन पर्यंत हजारीबाग रही।
उनके आकस्मिक निधन पर झील परिसर स्थित प्रेस क्लब हजारीबाग में शोकसभा आयोजित की गई। पत्रकारों ने दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही परिजनों को दु:ख सहने की क्षमता की ईश्वर से कामना की। सभी पत्रकारों ने उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
मौके पर प्रेस क्लब हजारीबाग के अध्यक्ष उमेश प्रताप ने उन्हें अभिभावक, मार्गदर्शक और बड़ा भाई बताते हुए उनके साथ गुजारे लंबे पल को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि वर्तमान और भावी पत्रकार पीढ़ियों के लिए उनकी पत्रकारिता अनुकरणीय है। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में जो शून्यता आयी हैं, उसकी भरपाई करना आसान नहीं है। संरक्षक के नाते डा.शैलेश शर्मा प्रेस क्लब हजारीबाग के विकास के लिए भी सदैव चिंतित और मुखर रहते थे। अध्यक्ष ने हजारीबाग में दैनिक सांध्य अखबार निकालने के उनके सपने को साकार करने की कोशिश करने की बात कही। श्रद्धांजलि सभा को क्लब के सचिव मिथिलेश मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार सह विभावि के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डा.प्रमोद कुमार, डा.प्रसन्न मिश्र, कोषाध्यक्ष अमरनाथ पाठक, कार्यकारिणी सदस्य बबलू कुमार, विजय पांडेय, अधिवक्ता सह पत्रकार अमित मिश्रा, अनवर फिदवी, आरिफ, मंटू कुमार पांडेय समेत कई पत्रकारों ने संबोधित करते हुए गहरी संवेदना जताई।
हजारीबाग में उन्होंने प्रभात खबर, राष्ट्रीय नवीन मेल, दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान टाइम्स, पायोनियर आदि अखबार में अपनी सेवाएं दीं। पिछले साल दिसंबर में उन्हें त्रिवेणीकांत ठाकुर सम्मान से सम्मानित किया गया था।
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