पलामू। बालिका गृह पलामू में यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। मेदिनीनगर महिला थाना में पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए संचालक राम प्रताप गुप्ता (72) और महिला कॉउंसलर प्रियंका कुमारी (26) को रविवार दोपहर एक बजे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए शनिवार देर शाम आनन-फानन में बालिका गृह को सील कर सभी लड़कियों को जेलहाता स्थित सखी वन स्टॉप सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। अधिकारियों की जांच दूसरे दिन भी जारी है।
उल्लेखनीय है कि बालिका गृह का संचालन समाज कल्याण विभाग के जरिए होता है। पिछले तीन वर्षों से एनजीओ विकास इंटरनेशनल को इसे चलाने का जिम्मा दिया गया था। आरोपित राम प्रताप गुप्ता इस एनजीओ का सचिव है। जिस नाबालिग लड़की के साथ रामप्रताप ने दुष्कर्म किया है, वह जिले के नक्सल प्रभावित इलाके की रहने वाली है। उसके माता-पिता नहीं हैं। उसके साथ गांव के ही युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद उसे दो साल पहले बालिका गृह लाया गया था। पीड़िता के साथ उसकी छोटी बहन भी यहां रहती थी। जून माह में छोटी बहन की मौत हो गई। इसका एक भाई बाल गृह में रहता है।
बालिका गृह के मैनेजमेंट पर पहले भी सवाल उठते रहते हैं। यहां से बच्चियों के भाग निकलने की घटनाएं भी हमेशा सामने आती हैं। बच्चियों के भागने के बाद उन्हें खोज कर फिर से लाया जाता है।
क्या है मामला
पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के सुदना में संचालित बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों का यौन शोषण किया गया है। बालिका गृह में 28 बच्चियां रहती हैं, जिसमें दो बच्चियों ने बालिका गृह के संचालक राम राम प्रताप गुप्ता पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। राम प्रताप को बच्चियां दादा जी कहती थीं। मामला सामने आने के बाद शनिवार को पुलिस की टीम घंटों मामले की जांच में जुटी रही। बच्चियों के आरोप को पुलिस ने सही पाया। इसके बाद आरोपी संचालक और बालिका गृह की एक महिला काउंसलर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। एएसपी राकेश सिंह ने बताया कि जांच में बच्चियों के यौन शोषण की बात सही साबित हुई है। इसके बाद संचालक और काउंसलर पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई गई।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को मानवाधिकार संगठन की एक टीम अध्यक्ष संध्या सिंह के नेतृत्व में बालिका गृह की व्यवस्था को देखने गई थी। इसी दौरान बच्चियों ने यौन शोषण की बात बताई। बच्चियों के मुताबिक आरोपित राम प्रताप गुप्ता का घर बालिका गृह के पास ही बैंक कॉलोनी में है। एक बच्ची ने कहा कि दीपावली से छठ के बीच दो बार राम प्रताप उसे अपने घर ले गए। इसी दौरान उन्होंने बच्ची के साथ शारीरिक संबंध बनाया। दूसरी बच्ची ने कहा कि उसके साथ भी संचालक ने गलत करने का प्रयास किया था।
बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आते ही पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया। बालिका गृह में रहने वाली कुछ लड़कियां अब 18 वर्ष की उम्र पार कर गई हैं। पूछताछ में पुलिस को लड़कियों ने कहा कि बालिका गृह से बाहर निकलने के लिए उनके सामने अधिकारियों को खुश करने की शर्त रखी गई। जांच में यह भी पता लगा है कि बालिका गृह की एक महिला कर्मी ने लड़कियों के कुछ फोटो भी लिये हैं और किसी को भेजे हैं।
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