बलरामपुर, अनिल गुप्ता। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने प्राणघातक हमला करने के मामले में आरोपी अभियुक्ति को 7 साल का कारावास सहित ₹100 के अर्थदंड से दंडित किया। आर्थिक दंड नहीं देने पर एक महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।
इस संबंध में न्यायालय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संक्षेप में अभियोजन का मामला इस प्रकार है दिनांक 30.4 . 2019 को प्रार्थी अरविंद सिंह ग्राम पंचायत बलरामपुर अंतर्गत ग्राम टांगर मोहरी जिला बलरामपुर रामानुजगंज ने थाना बलरामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका बड़ा भाई प्रवेश सिंह घटना दिनांक से 4 माह पूर्व आरती सिंह नामक महिला के साथ दूसरी शादी करके अपने घर में रह रहा है। उसकी अपनी भाभी पुष्पा सिंह की एक 6 वर्ष की पुत्री प्रतिभा सिंह है उसे किसी ने इस बात की सूचना दी थी कि तुम्हारी भाभी पुष्पा सिंह को आरती सिंह के साथ मारपीट कर रही है।
इस बात की सूचना पाकर जैसे ही वह अपने घर पहुंची उसकी भाभी पुष्पा सिंह घर में अचेत अवस्था में मिली साथ ही उसकी भतीजी जो मात्र 6 वर्ष की थी घर के कुछ दूरी पर कुएं में गिरी पड़ी मिली। कुएं में पानी कम होने के कारण भतीजे को मामूली चोटें आई परंतु उसकी भाभी पुष्पा सिंह पर आरती सिंह द्वारा टांगी से सर पर 2 से 4 बार वार किया गया था। जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। घटना के पश्चात भाभी पुष्पा सिंह एवं भतीजी प्रतिभा सिंह को निकट के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। इस मामले में थाना बलरामपुर आरोपी महिला को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत गिरफ्तार कर रामानुजगंज प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट में पेश किया गया।
जिसे न्यायालय के आदेशानुसार न्यायिक अभिरक्षा में रामानुजगंज जेल भेज दिया गया। इसी मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता एवं अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अविनाश गुप्ता का तर्क सुनने के पश्चात न्यायालय ने अभियुक्तों आरती सिंह को दोषी करार देते हुए 7 वर्ष का कारावास की सजा सुनाई साथ ही 100 रुपए का अर्थ दंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने की दशा में 1 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश पारित किया।
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