बलरामपुर, विष्णु पांडेय। छत्तीसगढ़ के उत्तरी ज़िले बलरामपुर-रामानुजगंज में इन दिनों चक्रवाती तूफान‘मोंथा का गहरा असर देखने को मिल रहा है। बीते तीन से चार दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर पानी भर गया है, लोग घरों में कैद हैं, और किसानों की नींद उड़ गई है।
कन्हर नदी उफान पर

बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवात का असर अब छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्सों तक पहुंच चुका है। लगातार बारिश से नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है। रामानुजगंज के सरहदी इलाके में बहने वाली कन्हर नदी अपने उफान पर है, और एक बार फिर एनीकट के ऊपर से पानी बहने लगा है।
धान की फसल पर संकट
इस बेमौसम बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में कटाई के लिए तैयार धान की फसल बारिश और जलभराव से खराब होने की कगार पर है। मौसम की बेरुखी ने किसानों की चिंता कई गुना बढ़ा दी है। अब वे आसमान की ओर टकटकी लगाए राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
ये भी पढ़िए……..
प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन का किया उद्घाटन

