नई दिल्ली। बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। भीड़ ने देश की राजधानी ढाका में शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर तोड़फोड़ के बाद आगजनी कर दी है। घटना के उस समय हुई जब शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और शेख हसीना ऑनलाइन संबोधन दे रही थी।
मिली जानकारी के अनुसार, धानमंडी क्षेत्र में स्थित इस घर के सामने एका-एक हजारों लोग जुट गए। आपको बता दें, इस एतिहासिक आवास को अब एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया है और इसे बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक स्थल माना जाता है। प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर ”बुलडोजर जुलूस” के आह्वान के बाद इस घटना को अंजाम दिया।
हसीना ने अवामी लीग के अब भंग हो चुके छात्र संगठन छात्र लीग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में देशवासियों से मौजूदा शासन के खिलाफ मिलकर प्रतिरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा- ”वे हमारे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और स्वतंत्रता को नष्ट नहीं कर सकते, जिसे हमने लाखों लोगों के बलिदान से हासिल किया है।” यह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस के शासन की ओर इशारा था।
हसीना ने आगे कहा- ”वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं। उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।” अपदस्थ प्रधानमंत्री ने थोड़ी भावुक आवाज में कहा-”पाकिस्तानी सैनिकों ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान भी इस घर को लूटा था, लेकिन इसे ध्वस्त नहीं किया या आग नहीं लगाई। आज इस घर को ध्वस्त किया जा रहा है। इसने क्या अपराध किया था? वे इस घर से इतना डरते क्यों थे.. मैं देश के लोगों से न्याय की मांग करती हूं। क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया?”
भारत के शरण हसीना
इस बीच, गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एमडी जाहंगीर आलम चौधरी ने कहा कि अंतरिम सरकार भारत से हसीना और अन्य को प्रत्यर्पण संधि के तहत वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। 77 वर्षीय हसीना बीते पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब वह एक बड़े छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश से भाग गई थीं।
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