बलरामपुर, विष्णु पांडेय। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में हुई ज्वैलरी चोरी की बड़ी वारदात का पुलिस ने सात दिनों के भीतर खुलासा कर दिया है। दहेजवार चौक स्थित धनंजय ज्वेलर्स में 30 और 31 अक्टूबर की दरमियानी रात को हुई चोरी में शामिल शातिर आरोपितों को विशेष अनुसंधान टीम ने तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय सूचना तंत्र के सहयोग से पकड़ लिया। पुलिस ने चोरी में शामिल आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लगभग पचास लाख रुपये मूल्य की चोरी की संपत्ति बरामद की है, जिसमें सोना, चांदी, नगद रकम, मोबाइल फोन और वाहन शामिल हैं।
बलरामपुर पुलिस के द्वारा आज रविवार सुबह को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, घटना की रिपोर्ट मिलने पर थाना कोतवाली बलरामपुर में अपराध क्रमांक 159/2025 धारा 331(4) और 305 भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने विशेष अनुसंधान टीम का गठन किया। टीम ने शहर और आस-पास के क्षेत्रों में लगे सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और कई संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी। तकनीकी साक्ष्यों और स्थानीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर जांच का दायरा सरगुजा जिले के सीतापुर क्षेत्र तक बढ़ाया गया।

जांच के दौरान पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि चोरी में शामिल आरोपित सीतापुर क्षेत्र के निवासी हैं। इसके बाद पुलिस ने गुप्त रूप से निगरानी रखी और ग्राम नकना के जंगल क्षेत्र में दबिश देकर चार मुख्य आरोपितों शिव कुमार, सूरज सिंह, वेद सिंह और सूर्या गिरी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सभी ने अपना अपराध स्वीकार किया और बताया कि वे छह लोग दो मोटरसाइकिलों से बलरामपुर आए थे। उन्होंने रात के समय दुकान का शटर तोड़कर सोने-चांदी के जेवर और नगद रकम चोरी की थी।
पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि चोरी किए गए गहनों को बेचने में अंबिकापुर निवासी रोशन सोनी (स्वर्ण महल ज्वेलर्स संचालक) सहित अन्य लोगों की मदद ली गई थी। पुलिस ने आगे की कार्रवाई करते हुए चार सहआरोपितों अजीत, बादल दास, राजेश अग्रवाल और रोशन सोनी को भी गिरफ्तार किया। जांच में यह खुलासा हुआ कि चोरी किए गए आभूषणों को गलाकर अंबिकापुर के अन्य ज्वेलरी दुकानों में बेचा गया था, जबकि कुछ आभूषण घर में छिपाकर रखे गए थे।
पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से कुल 234 ग्राम सोना, 12 किलोग्राम चांदी, 3 लाख 50 हजार रुपये नगद, एक पल्सर मोटरसाइकिल, एक स्कूटी, दो सेकंड हैंड आईफोन, एक अपाचे मोटरसाइकिल और अन्य सामान बरामद किया है। चोरी किए गए गहनों की बिक्री से प्राप्त रकम से खरीदी गई संपत्ति भी जब्त कर ली गई। कुल मिलाकर लगभग 50 लाख रुपये की संपत्ति पुलिस ने अपने कब्जे में ली है।
जांच में यह भी सामने आया कि यह गिरोह संगठित तरीके से कई जिलों में चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। बलरामपुर के अलावा सरगुजा और अन्य जिलों में भी इन आरोपितों के खिलाफ चोरी के कई प्रकरण दर्ज हैं। यही गिरोह 22 अक्टूबर को सूरजपुर के एक ज्वेलरी दुकान में हुई चोरी की वारदात में भी शामिल पाया गया है।
घटना में शामिल एक आरोपित अभी फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की जांच जारी है और फरार आरोपित को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए शहर में सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी को और सख्त किया जा रहा है।
यह पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई का उदाहरण है, जिसने सात दिनों के भीतर न केवल बड़ी चोरी की गुत्थी सुलझाई बल्कि चोरी की संपत्ति भी बरामद कर आरोपितों को न्याय के कटघरे तक पहुंचा दिया।
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