हजारीबाग : प्रभु ईसा मसीह के सूली पर चढ़ाने और जीवित होने के लगभग चालीस दिन पूर्व आज राख बुध मनाया जाता है। बिशप आनंद जोजो के नेतृत्व में महागिरजाघर कथोलिक आश्रम में मिस्सा पूजा किया गया साथ में पल्ली पुरोहित फ़ा अंटोनी, फ़ा पीटर पॉल, फा अब्राहम,फा रायमंड सोरेंग, फा सैजू,फा समीर केरकेट्टा, फा प्रदीप, फा विजय एक्का, ने मिस्सा पूजा अनुष्ठान किया। पिछले वर्ष खजूर परब के पवित्र खजूर को जला कर बनाया गया राख को सभी विश्वाशियों के माथे पर मलन किया जाता है। कहा जाता है कि मानव मिट्टी के बने हो मिट्टी में मिल जाओगे।
बिशप आनंद जोजो ने कहा कि वास्तव में आध्यात्मिक उन्नति ही मनाव जीवन की सही मायने में विकास है बाकि सब नश्वर है यह चालीसा काल अपने आप को आध्यात्मिक जीवन को सफल बनाने का उचित समय हैं। आध्यात्मिक जीवन में सफलता के लिए तीन बात अवश्यक है पहला प्रार्थना और पूजा, दूसरा उपवास और परहेज तीसरा परोपकार यह तीन बाते आप को आध्यात्मिक जीवन में सफल बन सकते हैं, बिशप ने कहा की आज जो कर्म करते वहीं आप दे कर जा सकते बाकि नश्वर है। इसलिए यह राख याद दिलाता हैं की मिट्टी के बने हो मिट्टी में मिल जाओगे। इस अवसर पर भारी सख्या में अहले सुबह लोग गिरजाघर में उपस्थित थे इस पूजन कार्यक्रम में रूचि कुजूर सदस्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग झारखण्ड सरकार भी उपस्थित थे रूचि कुजूर ने चालीसा काम के लिए ईसाई भाई – बहनो को शुभकामनायें दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में फेर्डिनन्द लकड़ा, कथोलिक सभा, महिला संघ, युवा संघ ने सहयोग किया। गुड़फ्राइडे के पहले प्रत्येक शुक्रवार को शाम 4:30 में महागिरजाघर में पवित्र क्रूस रास्ता का पूजन होगा।
ये भी पढ़िए…